क्या मोरिंगा अर्थराइटिस और डायबिटीज जैसी समस्याओं में राहत दिला सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- मोरिंगा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- यह अर्थराइटिस और जोड़ दर्द में राहत देता है।
- ब्लड शुगर स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
- विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर।
- आयरन की कमी को पूरा करने में सहायक।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने लोगों की सेहत को गहराई से प्रभावित किया है। फास्ट फूड, नींद की कमी और तनाव के कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हम कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं, जैसे कि सर्दी, खांसी, फ्लू और वायरल संक्रमण। ऐसे में पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना अत्यंत आवश्यक है।
जब हम पोषण की बात करते हैं, तो मोरिंगा का नाम प्रमुखता से आता है, जिसे आमतौर पर सहजन भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे ड्रम स्टिक कहा जाता है। यह पौधा आयुर्वेद में सदियों से प्रयोग किया जा रहा है। मोरिंगा के पत्ते विशेष रूप से इम्यून सिस्टम को सशक्त बनाने और शरीर को अंदर से मजबूत करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
अमेरिका के शोध आधारित पोर्टल 'नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन' के अनुसार, मोरिंगा में विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है। इसकी पत्तियों में गाजर से अधिक बीटा-कैरोटीन होता है, जो हड्डियों और आंखों के लिए लाभकारी है। इसके सूखे पत्तों में लगभग 70 प्रतिशत तक ओलिक एसिड पाया जाता है, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोरिंगा का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सेल्स को सक्रिय करते हैं, जिससे वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शंस से बचाव होता है।
मोरिंगा के तत्व जैसे कैल्शियम और पोटैशियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और अर्थराइटिस या जोड़ दर्द जैसी समस्याओं में राहत देते हैं।
इसके अतिरिक्त, इसके पत्ते ब्लड शुगर स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं, जिससे टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल असंतुलन, मूड स्विंग्स और थकान जैसी समस्याएं आम होती हैं, ऐसे में मोरिंगा का सेवन इन लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकता है।
आयरन की कमी को पूरा करने के लिए मोरिंगा बेहद मददगार साबित हो सकता है।