क्या अगले हफ्ते आईआईपी डेटा और रुपए की हलचल भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक बढ़त
- निवेशकों का भरोसा लौट रहा है
- आने वाला आईआईपी डेटा महत्वपूर्ण
- रुपे में उतार-चढ़ाव का प्रभाव
- सख्त स्टॉप लॉस बनाए रखना आवश्यक
मुंबई, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को सकारात्मक बढ़त के साथ समापन किया, जो लगातार चार दिन की गिरावट के बाद एक नई मजबूती का संकेत है। निवेशकों को रुपए की स्थिरता, विदेशी बाजारों से प्राप्त सकारात्मक संकेत और जापान के केंद्रीय बैंक के निर्णय ने भरोसा दिलाया। इन कारणों से बाजार में खरीदारी में वृद्धि हुई और घरेलू बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक एनएसई और बीएसई ऊपरी स्तर पर बंद हुए।
पिछले हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन, 19 दिसंबर को सेंसेक्स में 448 अंकों की शानदार वृद्धि हुई, जो 84,929.36 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 151 अंक बढ़कर 25,966.40 तक पहुंच गया।
इस दौरान, बड़े शेयरों की तुलना में छोटे और मझोले कंपनियों के शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.26 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 1.25 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ।
यह साफ है कि निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे वापस आ रहा है और बाजार में एक सकारात्मक माहौल बन रहा है।
वहीं, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर निफ्टी ऊपर जाता है तो तत्काल रेजिस्टेंस 26,000 पर है। इसके बाद 26,200 और 26,400 के स्तर भी महत्वपूर्ण होंगे। दूसरी ओर, यदि बाजार नीचे आता है तो 25,900 और 25,800 के स्तर पर निफ्टी को सपोर्ट मिल सकता है। यदि निफ्टी 25,700 से नीचे गिरता है तो बाजार में और बिकवाली देखने को मिल सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अभी गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है, लेकिन उतार-चढ़ाव को देखते हुए सख्त स्टॉप लॉस बनाए रखना आवश्यक है।
आने वाले हफ्ते में, निवेशकों की नजर देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर रहेगी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा नवंबर 2025 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का डेटा 29 दिसंबर को जारी किया जाएगा, जिससे यह ज्ञात होगा कि देश के उद्योग और फैक्ट्रियां कैसा प्रदर्शन कर रही हैं।
हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वैश्विक व्यापार दबावों में वृद्धि के बीच अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई बड़े सुधार किए हैं। इनमें निजी कंपनियों को न्यूक्लियर क्षेत्र में आने की अनुमति देना, बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की इजाजत देना और शेयर बाजार के नियमों के लिए एक नया कानून लाने का प्रस्ताव शामिल है। इन फैसलों से निवेश का माहौल बेहतर होने की उम्मीद है।
आने वाले दिनों में भारतीय रुपए की स्थिति भी शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी। रुपे में होने वाला उतार-चढ़ाव बाजार की दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।