क्या जेएमएम नेता ने सरकार को अल्टीमेटम दिया? 16 जनवरी से साहिबगंज और पाकुड़ से माल ढुलाई रोकने की चेतावनी
सारांश
Key Takeaways
- साहिबगंज का विकास एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- जेएमएम ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है।
- अनंत ओझा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- पहले टेंडर प्रक्रिया का न होना एक चिंता का विषय है।
- सार्वजनिक जागरूकता और आवाज उठाना आवश्यक है।
साहिबगंज, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता पंकज मिश्रा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा और राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा पर कई गंभीर आरोप लगाए और रेलवे को चेतावनी भी दी। पंकज मिश्रा ने कहा कि साहिबगंज के विकास के लिए उनकी लड़ाई निरंतर जारी रहेगी और कोई डर उन्हें रोक नहीं सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का सहारा ले सकती है और उन्हें जेल भेजने की साजिश कर सकती है, लेकिन वे अपने उद्देश्य से पीछे नहीं हटेंगे।
पंकज मिश्रा ने राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा पर आरोप लगाया कि 2014 से लगातार 10 वर्षों तक विधायक रहने के बावजूद उन्होंने कोई ठोस काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि साहिबगंज के पश्चिम फाटक पर पहले अंडरपास बनाने का प्रस्ताव था, फिर ओवरब्रिज की योजना आई, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। अब जब सभी प्रक्रियाएँ पूरी होकर टेंडर तक पहुँच गई हैं, तब पूर्व विधायक ने झारखंड एजी और रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर पटेल चौक से पुल नहीं बनाने की मांग की।
इस मुद्दे को लेकर पंकज मिश्रा ने रेलवे को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 15 जनवरी तक साहिबगंज के रेलवे पूर्वी और पश्चिम फाटक पर आरओबी की टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं होती है, तो 16 जनवरी से साहिबगंज और पाकुड़ से माल ढुलाई रोक दी जाएगी।
पंकज मिश्रा ने आरोप लगाया कि हाल ही में राजमहल सांसद विजय कुमार हांसदा और राजमहल विधायक ताजउद्दीन उर्फ एमटी राजा ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री से मिलकर गंगा नदी पर पुल बनाने की मांग की। इसके बावजूद कुछ लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि जब तक उनका विधायक नहीं बनेगा, तब तक गंगा पुल नहीं बनेगा।
पंकज मिश्रा ने कहा कि अनंत ओझा ने केवल साहिबगंज की जनता को नुकसान नहीं पहुँचाया, बल्कि अपने ही सांसद को अपमानित भी किया। जब प्रधानमंत्री ने गंगा पुल का शिलान्यास किया, तब साहिबगंज की जनता ने गोड्डा सांसद का अभिनंदन करने के लिए कार्यक्रम रखा, लेकिन ओझा के समर्थकों ने उस कार्यक्रम में उपस्थित होकर सांसद को अपमानित करने का कार्य किया। इसी कारण पुल का काम दो वर्षों तक रुका रहा।
उन्होंने कहा कि यह केवल गंगा पुल तक सीमित नहीं है, बल्कि साहिबगंज के विकास के कई अन्य मुद्दों पर भी पूर्व विधायक ने बाधा उत्पन्न की। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जागरूक रहें और विकास के लिए आवाज उठाएँ।
इस मामले पर अनंत ओझा से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि इस समय वह अपने पिता के इलाज के लिए रांची में हैं और साहिबगंज पहुँचने के बाद ही इस पूरे मामले पर अपना बयान देंगे।