क्या असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन का अपमान किया है?

सारांश
Key Takeaways
- असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन का अपमान किया है।
- राजनीति में धर्म का महत्व है।
- हर धर्म की अपनी विचारधारा होती है।
- समाज में समरसता के लिए विचारधाराओं का सम्मान जरूरी है।
- राजनीति में लोकतांत्रिक अधिकारों का पालन करना चाहिए।
पूर्णिया, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने मंगलवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर महागठबंधन का कई बार अपमान करने का आरोप लगाया।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैं मानता हूँ कि ओवैसी मेरे भाई जैसे हैं और मैं उनका सम्मान करता हूँ। लेकिन, यह स्वीकार करना उचित नहीं है कि उन्होंने महागठबंधन का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी कभी उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को चुनाव में भेजते हैं। मुझे उनकी पार्टी के लोगों के चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति नहीं है; यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
उन्होंने कहा कि केरल में कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ते हैं। लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि उनकी विचारधारा एक जैसी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीति में धर्म की बातें हो रही हैं, इसलिए हमें इस्लाम पर भी ध्यान देना जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि जब हम सनातन की बात करते हैं, तो इस्लामिक विचारधारा को भी ध्यान में रखना होगा। हर धर्म की अपनी विचारधारा होती है, और मैं यह कहने में संकोच नहीं करता कि सभी धर्मों की मूल विचारधारा एक ही है।
उन्होंने कहा कि यदि हम राजनीति में धर्म की बातें करते हैं, तो हमें सभी विचारधाराओं का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने सनातन के संबंध में कहा कि जब तक मैं दूसरों के धर्म और जाति का सम्मान नहीं करूंगा, तब तक वह सनातन संस्कृति नहीं हो सकती। सनातन संस्कृति हमें नफरत सिखाने में विश्वास नहीं रखती।