क्या परिधान एवं वस्त्र क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है?

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क्या परिधान एवं वस्त्र क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है?

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने हाल ही में परिधान निर्यात संवर्धन परिषद के पुरस्कार समारोह में भारत के परिधान उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र रोजगार के लाखों अवसर प्रदान करता है और ग्लोबल पावर बनने के लिए विजन 2030 का समर्थन करता है।

Key Takeaways

  • परिधान क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है।
  • यह क्षेत्र 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है।
  • सरकार विजन 2030 के तहत इस क्षेत्र का विकास कर रही है।
  • उद्योग और सरकार के बीच सहयोग आवश्यक है।
  • निर्यात में दोगुनी वृद्धि की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के वार्षिक पुरस्कार समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भारत के परिधान निर्यात क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि परिधान एवं वस्त्र क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है, जो 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। यह क्षेत्र एक करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका को अप्रत्यक्ष रूप से सहारा देता है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान देता है और विनिर्माण क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान करता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पीएम मित्र पार्क और समर्थ कौशल विकास कार्यक्रम जैसी प्रगतिशील नीतियों और योजनाओं के माध्यम से वस्त्र और परिधान उद्योग को मजबूत और बहुआयामी समर्थन प्रदान किया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को वैश्विक शक्ति के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से एक व्यापक विजन 2030 प्रस्तुत किया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी पहलें तभी अपने वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त करती हैं जब उद्योग जगत के भागीदार नवाचार और दृढ़ संकल्प के साथ प्रतिक्रिया देते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए सक्रिय रूप से चर्चाओं और पहलों में लगी हुई है, जिसमें चल रही मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ताएं भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि वस्त्र उद्योग श्रम प्रधान है और कृषि के बाद देश में रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। उन्होंने उद्योग जगत में श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के निर्यात में दोगुनी वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे रोजगार के महत्वपूर्ण अतिरिक्त अवसर सृजित होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि परिधान क्षेत्र विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

उन्होंने सरकार और उद्योग के बीच एक सेतु के रूप में एईपीसी की भूमिका की भी सराहना की और 'थ्रेड्स ऑफ टाइम: स्टोरी ऑफ इंडियाज टेक्सटाइल्स' नामक इसकी कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, एईपीसी के अध्यक्ष सुधीर सेखरी, एईपीसी के उपाध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल और वस्त्र एवं परिधान उद्योग के अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि परिधान एवं वस्त्र क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। रोजगार सृजन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोग आवश्यक है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत के परिधान क्षेत्र का GDP में योगदान कितना है?
भारत के परिधान क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान है।
उद्योग में कितने लोग रोजगार प्राप्त करते हैं?
यह क्षेत्र 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और एक करोड़ से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है।
क्या सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ कर रही है?
हाँ, सरकार ने पीएम मित्र पार्क और समर्थ कौशल विकास कार्यक्रम जैसी योजनाएं शुरू की हैं।
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