क्या पश्चिम बंगाल में टीएमसी का हाल तेजस्वी यादव और लालू यादव जैसा होगा?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की बढ़त जनता के विश्वास का परिणाम है।
- टीएमसी का भविष्य बिहार के राजद जैसा हो सकता है।
- मतदाता सूची पुनरीक्षण लोकतंत्र को मजबूत करेगा।
कोलकाता, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व मंत्री सुभाष सरकार ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में एनडीए की बढ़त को जनता के विश्वास का परिणाम बताया।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैं बिना किसी हिचकिचाहट के यह कह सकता हूँ कि पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी और ममता बनर्जी का हाल लालू यादव और तेजस्वी यादव जैसा होने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार चुनाव के रुझानों में एनडीए ने जो स्थिति हासिल की है, वह दर्शाती है कि प्रदेश की जनता को वर्तमान सरकार पर विश्वास है और लोग इसकी कार्यशैली से संतुष्ट हैं।
उन्होंने बताया कि बिहार की चुनावी स्थिति ने निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को भी प्रेरित किया है। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में पश्चिम बंगाल में कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में प्रदेश के फर्जी मतदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है, ताकि लोकतंत्र में अधिकारों का गलत इस्तेमाल न हो।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में दो चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह की वृद्धि दर्ज की गई, यह स्पष्ट करता है कि राजद सहित अन्य दलों ने कितने फर्जी मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में डाला था। लेकिन एसआईआर के तहत फर्जी मतदाताओं को चिह्नित करने से एनडीए को सकारात्मक स्थिति मिली है।
पूर्व मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि अब पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इस प्रक्रिया का स्वागत करना चाहिए।