क्या पश्चिम बंगाल के शिमनगर में कफ सिरप को लेकर पुलिस और बीएसएफ के जवानों के बीच झड़प हुई?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में कफ सिरप की तस्करी एक गंभीर मुद्दा है।
- पुलिस और बीएसएफ के बीच समन्वय की आवश्यकता है।
- घटना में तीन लोग घायल हुए हैं।
- पुलिस ने तस्करों का पीछा किया और कार्रवाई की।
- जांच जारी है।
नदिया, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चापड़ा थाना क्षेत्र के शिमनगर में मंगलवार की शाम को पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों के बीच एक गंभीर झड़प हुई। कफ सिरप की तस्करी को लेकर हुई इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया।
इस झड़प में एक पुलिस अधिकारी समेत तीन लोग घायल हुए। घायलों को तुरंत ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने घटना के बाद एक बीएसएफ जवान को हिरासत में लिया, लेकिन पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना एक बड़ी तस्करी से संबंधित है। करीमपुर क्षेत्र से एक वाहन में लगभग 11 पेटी कफ सिरप चापड़ा की ओर ले जाई जा रही थीं। गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस ने शिमनगर में नाकाबंदी की।
जैसे ही तस्करों को पुलिस की मौजूदगी का पता चला, वे वाहन छोड़कर भाग गए और कफ सिरप की पेटियां वहीं छोड़ दीं। जब पुलिस ने जब्ती की कार्रवाई शुरू की, तभी सीमानगर बीएसएफ कैंप से कुछ जवान मौके पर पहुंचे और सिरप की खेप को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की।
पुलिस के अनुसार, बीएसएफ जवानों ने कहा कि यह क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में आता है और तस्करी सीमा से संबंधित है, इसलिए जब्ती का अधिकार उन्हें है। पुलिस ने तर्क दिया कि सूचना उनके पास थी और कार्रवाई स्थानीय थाने की जिम्मेदारी है। इसी गलतफहमी के कारण दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। इस झड़प में कुछ लोग घायल भी हुए।
घटना की जानकारी मिलते ही नदिया जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ। दोनों बल देश की सेवा में हैं, लेकिन क्षेत्रीय अधिकारों पर मतभेद हो गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है।