क्या पश्चिम बंगाल में पुजारी के बेटे की हत्या से ममता बनर्जी की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में पुजारी के बेटे की हत्या ने राजनीतिक हलचल मचाई है।
- अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- यह घटना कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है।
- हत्याकांड के समय पुलिस घटनास्थल के पास मौजूद थी।
- यह मामला राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में एक पुजारी के बेटे की हत्या के बाद राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल बढ़ गई है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासन में न कोई सुरक्षित है और न ही कानून का भय रह गया है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल में कोई भी सुरक्षित नहीं है, खासकर हिंदू तो बिल्कुल नहीं। कामारपुकुर स्थित रामकृष्ण मिशन के रघुबीर मंदिर के मुख्य पुजारी तारक घोषाल के बेटे रामचंद्र घोषाल की पुलिस चौकी के पास ही सरेआम पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।"
मालवीय ने बताया कि मृतक रामचंद्र घोषाल श्री रामकृष्ण देव के ननिहाल पक्ष के वंशज थे और एक अत्यंत पूजनीय आध्यात्मिक परंपरा से जुड़े परिवार से आते थे। उन्होंने कहा कि कामारपुकुर जैसे धार्मिक स्थल पर यह अमानवीय घटना पूरे राज्य के लिए शर्मनाक है। आज पूरा क्षेत्र शोक में डूबा हुआ है।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि हत्या मंदिर से महज 200 मीटर की दूरी पर हुई है, जहां उस समय एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता जगबन्धु घोष के नेतृत्व में एक उत्सव आयोजित किया जा रहा था। मालवीय ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त स्थानीय पुलिस पोस्ट नजदीक थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह साफ दिखाता है कि बंगाल में अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब इतना भयावह अपराध रामकृष्ण मिशन जैसे विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थल के पास, पुलिस की मौजूदगी में हो सकता है, तो बाकी राज्य में आम लोगों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
पश्चिम बंगाल भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "श्री रामकृष्ण परमहंस की मां के परिवार के वंशज की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। कामारपुकुर स्थित रामकृष्ण मंदिर के पुजारी के बेटे रामचंद्र घोषाल की रामकृष्ण मंदिर से बमुश्किल 200 मीटर की दूरी पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जिस उत्सव में यह घटना हुई, उसके आयोजक तृणमूल कांग्रेस नेता जगबंधु घोष थे। ऐसा करने वाले लोग सभी तृणमूल समर्थक थे। पुलिस मंत्री ममता पुलिस स्टेशन के इतने पास हिंदुओं और उनके परिवारों की सुरक्षा नहीं कर सकतीं।