क्या पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टली?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल शैक्षणिक प्रणाली में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने कई नियुक्तियों को रद्द किया है।
- ममता बनर्जी की सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है।
- आत्मदीप संस्था द्वारा दायर अवमानना याचिका का मामला चल रहा है।
- इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई को टाल दिया गया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि इस अवमानना मामले में अटॉर्नी जनरल से अनुमति प्राप्त करने का इंतजार किया जा रहा है, जिससे सुनवाई को स्थगित करने की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।
यह याचिका आत्मदीप नामक संस्था द्वारा दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर रही है। कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार के कारण कई शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया।
याचिका में यह भी दावा किया गया कि ममता बनर्जी ने 7 अप्रैल 2025 को अपने भाषण में ऐसे बयान दिए थे जो सुप्रीम कोर्ट की गरिमा के खिलाफ थे। इसके अलावा, उन्होंने कोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज करके ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को मासिक वेतन देने की नीति बनाई।
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। इस घोटाले में व्यापक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने कई नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई को चार हफ्ते बाद के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने ममता बनर्जी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत के मामलों को राजनीतिकरण न करने की चेतावनी दी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले की सुनवाई कर रही है।