क्या पश्चिमोत्तासन बढ़ती उम्र और साइटिका जैसी समस्याओं को खत्म करने में प्रभावी है?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिमोत्तासन बढ़ती उम्र की समस्याओं के लिए फायदेमंद है।
- यह आसन लचीलापन और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- सही विधि से अभ्यास करने पर स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- बुजुर्गों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है।
- गर्भवती महिलाओं को सलाह लेना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शारीरिक या मानसिक, हर समस्या का समाधान योगासन के पास है। जब बात बढ़ती उम्र की समस्याओं की हो, तो पश्चिमोत्तासन विशेष लाभकारी साबित होता है। यह एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है। यह न केवल लचीलापन बढ़ाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
पश्चिमोत्तासन को 'सीटेड फॉरवर्ड बेंड' भी कहते हैं, एक ऐसा आसन जिसमें शरीर को आगे की ओर झुकाकर रीढ़, हैमस्ट्रिंग और काल्व्स की मांसपेशियों को खींचा जाता है। यह आसन शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ तनाव को कम कर मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से कई फायदे होते हैं। इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है। साथ ही, यह हैमस्ट्रिंग, काल्व्स और रीढ़ को लचीला और मजबूत बनाता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है। पेट की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ने से कब्ज, मोटापा और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं। यह आसन साइटिका की संभावना को घटाता है। तनाव और चिंता को कम करके यह मन को शांत रखता है। विशेष बात यह है कि यह आसन बुजुर्गों के लिए बहुत लाभकारी है।
एक्सपर्ट पश्चिमोत्तासन करने की सही विधि भी बताते हैं। आसन के लिए सबसे पहले योग मैट पर बैठें और दोनों पैर सामने की ओर सीधे फैलाएं। पंजों को ऊपर की ओर रखें और रीढ़ को सीधा करें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे झुकें और पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद 30-50 सेकंड तक इस स्थिति में रुकें और गहरी सांस लें।
पश्चिमोत्तासन करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं। पेट में अल्सर, हर्निया या गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और अन्य लोगों को इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा है।