क्या असम के मुख्यमंत्री ने गोवा मुक्ति दिवस पर लोगों को बधाई दी और बलिदानों को याद किया?

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क्या असम के मुख्यमंत्री ने गोवा मुक्ति दिवस पर लोगों को बधाई दी और बलिदानों को याद किया?

सारांश

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोवा मुक्ति दिवस पर गोवा के लोगों को बधाई दी। उन्होंने उन साहसी व्यक्तियों को याद किया जिन्होंने गोवा को औपनिवेशिक शासन से मुक्त करने के लिए संघर्ष किया। यह दिन भारत की संप्रभुता की भी गवाही देता है।

Key Takeaways

  • गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • यह दिन हमें आज़ादी के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाता है।
  • गोवा को 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
  • ऑपरेशन विजय ने 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन का अंत किया।
  • गोवा अब भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है।

गुवाहाटी, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को गोवा मुक्ति दिवस के अवसर पर गोवा के निवासियों को शुभकामनाएं दीं और उन साहसी व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने इस तटीय राज्य को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सीएम सरमा ने लिखा, "गोवा मुक्ति दिवस पर गोवा के मेरे भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम उन बहादुर लोगों के साहस और बलिदान को सलाम करते हैं जिन्होंने भारत में गोवा को उसका सही स्थान दिलाया।"

सीएम सरमा ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में राज्य प्रगति और विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहे।

ज्ञात रहे कि गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को 1961 की ऐतिहासिक घटनाओं की याद में मनाया जाता है, जब भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 450 से अधिक वर्षों के पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन का अंत किया था।

1947 में भारत को आजादी मिलने के बावजूद, गोवा, दमन और दीव एक दशक से अधिक समय तक पुर्तगाली नियंत्रण में रहे, जबकि इस क्षेत्र को भारतीय संघ में शामिल करने की कूटनीतिक कोशिशें विफल रहीं।

गोवा की आजादी भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जो देश के अपने क्षेत्र को पूरी तरह से एकीकृत करने के संकल्प को दर्शाता है।

'ऑपरेशन विजय' 48 घंटे से भी कम समय तक चला, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने मिलकर कार्रवाई की। इसके बाद 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाली सेनाओं ने शांतिपूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया। गोवा को पहले केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और बाद में 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।

इसी के बाद से देश में गोवा मुक्ति आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, सैनिकों और नागरिकों की याद में इस दिन को मनाया जाता है।

यह दिन भारत के उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष और संप्रभुता तथा एकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की भी याद दिलाता है।

पिछले कुछ वर्षों में गोवा भारत के प्रमुख राज्यों में से एक के रूप में उभरा है, जो न केवल पर्यटन के लिए बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे में निरंतर प्रगति के लिए भी जाना जाता है।

Point of View

जो न केवल गोवा की आज़ादी बल्कि भारत की संप्रभुता और एकता का प्रतीक है। असम के मुख्यमंत्री का संदेश हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का मूल्य क्या होता है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

गोवा मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?
गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है।
ऑपरेशन विजय क्या था?
ऑपरेशन विजय 1961 में भारतीय सेना द्वारा गोवा के पुर्तगाली शासन के खिलाफ चलाया गया एक सैन्य अभियान था।
गोवा को कब राज्य का दर्जा मिला?
गोवा को 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
गोवा मुक्ति आंदोलन का महत्व क्या है?
गोवा मुक्ति आंदोलन भारत के उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
गोवा की आज़ादी का क्या महत्व है?
गोवा की आज़ादी भारत के संप्रभुता और एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
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