क्या विकसित भारत-जी राम जी मनरेगा का सुधार है? राहुल गांधी का बयान

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क्या विकसित भारत-जी राम जी मनरेगा का सुधार है? राहुल गांधी का बयान

सारांश

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विकसित भारत-जी राम जी नामक विधेयक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे मनरेगा का सुधार न मानते हुए इसके प्रभावों को गंभीर बताया है। जानिए इस विधेयक के पीछे की सच्चाई और राहुल गांधी की चिंता क्या है।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी ने विकसित भारत-जी राम जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • यह विधेयक मनरेगा को समाप्त करता है।
  • ग्रामीण मजदूरों की शक्ति को कमजोर करने का प्रयास।
  • महिलाओं और कमजोर वर्गों को नुकसान।
  • संसद में बिना उचित जांच के पारित किया गया।

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बदलाव मनरेगा का सुधार नहीं है।

राहुल गांधी का यह बयान उस समय आया है जब विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन विधेयक ‘जी राम जी’ को भारी हंगामे के बीच 18 दिसंबर को लोकसभा में पारित किया गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 को निरस्त कर उसकी जगह लेगा। विपक्ष इस सरकार के इस कदम पर लगातार हमलावर है।

इसी संदर्भ में शुक्रवार को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

उन्होंने लिखा कि कल रात, मोदी सरकार ने एक ही दिन में मनरेगा के बीस साल समाप्त कर दिए। विकसित भारत-जी राम जी मनरेगा का सुधार नहीं है। यह अधिकार-आधारित, मांग-आधारित गारंटी को समाप्त कर देता है और इसे एक राशन योजना में बदल देता है जिसे दिल्ली से नियंत्रित किया जाता है। यह डिज़ाइन से ही राज्य-विरोधी और गांव-विरोधी है। मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की शक्ति दी। असली विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति में सुधार हुआ, और साथ ही ग्रामीण अवसंरचना का निर्माण और पुनरुद्धार भी हुआ।

यह वही ताकत है जिसे सरकार तोड़ना चाहती है। काम को सीमित करके और इसे मना करने के और तरीके बनाकर, विकसित भारत-जी राम जी उस एकमात्र साधन को कमजोर करता है जो ग्रामीण गरीबों के पास था। हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या महत्व था। जब अर्थव्यवस्था ठप हो गई और आजीविका समाप्त हो गई, तब इसने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया और विशेष रूप से महिलाओं की मदद की। हर साल, महिलाओं ने आधे से ज़्यादा मानव-दिवस में योगदान दिया है। जब आप किसी रोजगार कार्यक्रम में राशनिंग करते हैं, तो महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मजदूर और सबसे गरीब ओबीसी समुदाय सबसे पहले बाहर हो जाते हैं।

राहुल ने आगे लिखा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कानून को बिना किसी उचित जांच-पड़ताल के संसद में ज़बरदस्ती पास किया गया। बिल को स्थायी समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया। एक ऐसा कानून जो ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को बदलता है, जो करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, उसे कभी भी गंभीर समिति की जांच, विशेषज्ञ परामर्श और सार्वजनिक सुनवाई के बिना ज़बरदस्ती पास नहीं किया जाना चाहिए।

राहुल ने आगे लिखा कि पीएम मोदी के लक्ष्य स्पष्ट हैं, मजदूरों को कमजोर करना, ग्रामीण भारत, खासकर दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की शक्ति को कमजोर करना, सत्ता को केंद्रीकृत करना और फिर नारों को सुधार के रूप में बेचना। मनरेगा दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तीकरण कार्यक्रमों में से एक है। हम इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की आखिरी सुरक्षा पंक्ति को नष्ट नहीं करने देंगे। हम इस कदम को हराने के लिए मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ खड़े होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी मोर्चा बनाएंगे कि इस कानून को वापस लिया जाए।

Point of View

यह कहना उचित है कि राहुल गांधी का बयान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है। विकसित भारत-जी राम जी विधेयक का पारित होना ग्रामीण समाज पर गहरा असर डाल सकता है। यह आवश्यक है कि इस कानून को पारित करने से पहले सभी पक्षों की राय ली जाए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या विकसित भारत-जी राम जी सच में मनरेगा का सुधार है?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि यह बदलाव मनरेगा का सुधार नहीं है, बल्कि ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों को सीमित करता है।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का उद्देश्य मनरेगा को निरस्त कर एक नई योजना लागू करना है, जो कि विपक्ष के अनुसार, ग्रामीण गरीबों के लिए हानिकारक है।
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