क्या पीएमवीबीआरवाई का 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियों का लक्ष्य संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- पीएमवीबीआरवाई का उद्देश्य 3.5 करोड़ नई नौकरियों का निर्माण है।
- इस योजना के लिए बजट 99,446 करोड़ रुपए है।
- कर्मचारियों को पहली बार नौकरी पर प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
- योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी।
- यह योजना एमएसएमई और ग्रामीण उद्योगों को लाभान्वित करेगी।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में 2 साल में 3.5 करोड़ से अधिक नई नौकरियों का सृजन करना है। इस योजना के लिए सरकार ने 99,446 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि योजना के 'भाग ए' के अंतर्गत जो कर्मचारी पहली बार नौकरी करते हैं, उन्हें सरकारी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि कर्मचारियों की एक महीने की ईपीएफ सैलरी के बराबर होगी, जो अधिकतम 15,000 रुपए तक सीमित है।
उन्होंने बताया कि यह प्रोत्साहन राशि रोजगार के पहले वर्ष में दो किश्तों में दी जाएगी। पहली किश्त, जो अधिकतम 7,500 रुपए होगी, नौकरी के 6 महीने पूरे होने पर दी जाएगी।
दूसरी किश्त 12 महीने
राज्य मंत्री ने कहा कि योजना के 'भाग बी' में कंपनियों और नियोक्ताओं को लाभ मिलेगा। यदि कोई नियोक्ता अतिरिक्त कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक नौकरी पर रखता है, तो उसे सरकार की ओर से प्रति कर्मचारी हर महीने 3,000 रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी। इसी अवधि में बनाई गई नौकरियों पर यह लाभ प्राप्त होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को 1 जुलाई 2025 को मंजूरी दी थी। इसका मुख्य उद्देश्य रोजगार में वृद्धि, लोगों की कार्यक्षमता में सुधार और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है, विशेषकर एमएसएमई, ग्रामीण उद्योग और निर्माण क्षेत्र में।
इससे पहले सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) शुरू की थी, जो कोरोना महामारी के दौरान नौकरी देने वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देने के लिए लाई गई थी।
मंत्री ने बताया कि इस योजना में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी, जिसके तहत जुड़े लाभार्थियों को 2 साल तक लाभ मिला। सरकार के अनुसार, योजना की शुरुआत से लेकर 31 मार्च 2024 तक 60.49 लाख लोगों को इस योजना का लाभ प्रदान किया गया है।