क्या पटना की सड़कों पर एसटीईटी परीक्षा की मांग को लेकर छात्र उतरे?

सारांश
Key Takeaways
- एसटीईटी परीक्षा की मांग की जा रही है।
- प्रदर्शनों में कई छात्र घायल हुए हैं।
- सरकार को छात्रों की चिंताओं को सुनना चाहिए।
- टीआरई-4 और टीआरई-5 की घोषणा के बावजूद, एसटीईटी की आवश्यकता है।
- पिछले डेढ़ साल से कोई एसटीईटी परीक्षा नहीं हुई है।
पटना, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए टीआरई-4 और टीआरई-5 का ऐलान कर दिया है। इससे पहले एसटीईटी की मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों छात्र पटना की सड़कों पर उतर आए।
इस बीच, छात्रों को सड़कों से हटाने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं। इसमें कई छात्रों के घायल होने की भी खबर है। बताया जाता है कि शिक्षक भर्ती के लिए टीआरई-4 के पहले एसटीईटी आयोजित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में छात्र आज पटना पहुंचे और आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुए।
पटना कॉलेज से निकले छात्रों का जुलूस जैसे ही जेपी गोलंबर के पास पहुंचा, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया। पुलिस के अधिकारियों के अनुसार कई बार प्रदर्शकारी छात्रों को सड़क से हटने को कहा गया, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं हुए। कुछ प्रदर्शनकारी जब आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोका। स्थिति बेकाबू होने लगी तो लाठी के बल पर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं इस दौरान बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाते रहे।
प्रदर्शकारी छात्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टीआरई-4 और टीआरई-5 का ऐलान कर दिया है, जिनमें डोमिसाइल नीति लागू करने का आश्वासन दिया गया है। लेकिन, जिन छात्र-छात्राओं ने अभी तक टीईटी परीक्षा पास नहीं की है, वे इस अवसर से वंचित रह जाएंगे। छात्रों का कहना है कि पहले सरकार एसटीईटी की परीक्षा ले, जिससे इस परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं भी टीआरई दे सकें।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में शिक्षक की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएं हैं जो टीईटी पास नहीं हैं। उन्हें भी टीआरई-4 में मौका मिले, इसके लिए एसटीईटी कराना अनिवार्य है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार पिछले डेढ़ साल से किसी भी एसटीईटी का आयोजन नहीं कर रही है। इसकी वजह से दो सत्र के लगभग पांच लाख बच्चे इस परीक्षा से वंचित रह रहे हैं। छात्रों ने कहा कि सरकार हम लोगों को छलना चाहती है और ठगना चाहती है।