क्या डोनाल्ड ट्रंप का 50 प्रतिशत वाला टैरिफ बम भारत के लिए 'अब्बा-डब्बा-जब्बा' है?

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क्या डोनाल्ड ट्रंप का 50 प्रतिशत वाला टैरिफ बम भारत के लिए 'अब्बा-डब्बा-जब्बा' है?

सारांश

भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों का प्रभावी जवाब दिया है, जिससे उनकी चिंताएं बढ़ी हैं। भारत की वैश्विक ताकत और आत्मनिर्भरता ने अमेरिका को नई सोचने पर मजबूर कर दिया है। जानिए इस मुद्दे पर विस्तार से।

Key Takeaways

  • भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकियों का मजबूत जवाब दिया है।
  • अमेरिका की टैरिफ नीति भारत के लिए अब्बा-डब्बा-जब्बा जैसी है।
  • भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
  • ट्रंप की धमकियों का असर सीमित है।
  • रूस के साथ भारत के संबंध मजबूत हैं।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत को टैरिफ का डर दिखाना अब उनके लिए खुद परेशानी का कारण बनता जा रहा है। हाल के दिनों में अमेरिका की तरफ से भारत के खिलाफ टैरिफ बम फोड़ने की धमकियों का भारत सरकार द्वारा प्रभावी जवाब दिया जा रहा है।

भारत एक ऐसा वैश्विक बाजार बन चुका है, जिसकी जरूरत दुनिया के कई देशों को अपने व्यापार के लिए है। इसका मुख्य कारण भारत की परचेजिंग पावर पैरिटी है, जिसमें भारत अमेरिका से आगे है। यही कारण है कि दुनिया की नजर अब भारत के बाजार पर है।

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दी जा रही टैरिफ धमकी का जवाब भारत द्वारा जिस तरह से दिया जा रहा है, वह भारत की वैश्विक ताकत को दर्शाता है। एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के खिलाफ टैरिफ की धमकी दे रहे हैं, वहीं भारत के विदेश मंत्रालय का प्रवक्ता इस पर प्रतिक्रिया दे रहा है। यह दिखाता है कि भारत इस धमकी को गंभीरता से नहीं ले रहा है।

भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी का जो जवाब दिया है, उसका संदेश स्पष्ट है। भारत की आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के मामलों में आत्मनिर्भर बनना ही इसका मुख्य कारण है। ट्रंप की धमकी का जवाब देने में भारत भी तैयार नहीं है।

अमेरिका की टैरिफ धमकी इससे भी बढ़कर है, जिसमें भारत को रूस से दोस्ती खत्म करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। भारत का यह स्पष्ट संदेश है कि ऐसा कभी नहीं होगा। ट्रंप को यह भी पता है कि जब भारत का बाजार अमेरिका के लिए बंद होगा, तब उनकी कंपनियों को नुकसान होगा।

क्रय-शक्ति समता (परचेजिंग पावर पैरिटी - पीपीपी) एक अंतरराष्ट्रीय सिद्धांत है, जो विभिन्न देशों के जीवन स्तर के व्यय का अनुपात दर्शाता है। इसका मतलब है कि विभिन्न देशों में समान वस्तुओं की कीमतें समान होती हैं।

अमेरिका का यह दोहरा रवैया भी सामने आया है, जिसमें वह भारत को रूस से संबंध खत्म करने की धमकी दे रहा है, जबकि खुद रूस से तेल, गैस और उर्वरक खरीदता है।

हालांकि, भारत का विपक्ष ट्रंप के दावे को मजाक में ले रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में 70 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाने का साहस किया है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है।

भारत में निर्मित हथियारों की मांग बढ़ रही है, जिससे अमेरिका की चिंता भी बढ़ रही है। भारत भारी मात्रा में रूस से तेल खरीदता है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ धमकी ने भारत को और भी मजबूत बना दिया है।

इस तरह से भारत अपनी स्थिति को मजबूत करके ट्रंप की धमकी को अब्बा-डब्बा-जब्बा की तरह हल्का समझ रहा है।

Point of View

भारत की सुरक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता सबसे महत्वपूर्ण है। अमेरिका की टैरिफ धमकियों का जवाब देना आवश्यक है, और यह दिखाता है कि भारत न केवल अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि दुनिया में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बनता जा रहा है।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी का क्या जवाब दिया?
भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी का स्पष्ट और मजबूत जवाब दिया है, जिसमें आत्मनिर्भरता और वैश्विक ताकत को दर्शाया गया है।
क्या भारत अमेरिका के दबाव में आएगा?
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएगा और अमेरिका के साथ अपने बाजार को अपनी शर्तों पर खोलेगा।
परचेजिंग पावर पैरिटी क्या है?
परचेजिंग पावर पैरिटी एक सिद्धांत है जो विभिन्न देशों में जीवन स्तर के व्यय का अनुपात दर्शाता है।
क्या ट्रंप की धमकियों का असर होगा?
ट्रंप की धमकियों का असर सीमित है, क्योंकि भारत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
भारत और रूस के संबंधों पर ट्रंप का क्या कहना है?
ट्रंप ने भारत को रूस से संबंध खत्म करने की धमकी दी है, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कभी नहीं होगा।