'क्या चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप सही है? हरियाणा चुनाव आयोग ने दी सफाई

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- हरियाणा के सीईओ ने आरोपों को खारिज किया है।
- मतदाता सूचियां पारदर्शी तरीके से बनाई गई हैं।
चंडीगढ़, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया। इस पर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाद अब हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने प्रतिक्रिया दी है।
सीईओ हरियाणा ने एक पत्र जारी कर राहुल गांधी को बताया कि मतदाता सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960 और भारत के निर्वाचन आयोग के समय-समय पर दिए गए निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से बनाई जाती हैं। नवीनतम मतदाता सूचियां कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ साझा की गई थीं।
उन्होंने कहा कि सेकंड विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) 2024 की मसौदा मतदाता सूचियां अगस्त 2024 और अंतिम मतदाता सूचियां सितंबर 2024 में कांग्रेस के साथ साझा की गई थीं। अंतिम प्रकाशन के बाद संबंधित जिलाधिकारियों के पास कांग्रेस द्वारा दायर पहले अपीलों की संख्या शून्य है। साथ ही, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा के पास उनके द्वारा दायर द्वितीय स्तरीय अपीलों की संख्या भी शून्य है।
उन्होंने कहा कि चुनावों के संचालन के संदर्भ में चुनाव परिणामों पर केवल उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका के माध्यम से ही प्रश्न उठाया जा सकता है।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और योग्य मतदाताओं को बाहर करने के बारे में उल्लेख किया था। उन्होंने राहुल से अनुरोध किया कि मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत संलग्न घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें और उसे मतदाताओं के नाम सहित भेजें, ताकि आवश्यक कार्रवाई शुरू की जा सके।