क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोहन यादव से आपदा राहत पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- ज्योतिरादित्य सिंधिया और मोहन यादव के बीच आपदा राहत पर महत्वपूर्ण चर्चा।
- क्षेत्र में बाढ़ और अतिवृष्टि से उत्पन्न चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित।
- त्वरित राहत और उचित मुआवज़ा की आवश्यकता।
- स्थायी जल प्रबंधन के उपायों पर विचार।
- सरकार की प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में सहायता करना।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को अपने दिल्ली स्थित आवास पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से एक महत्वपूर्ण बैठक की।
यह बैठक प्रदेश में हाल की आपदाओं, क्षेत्रीय विकास, और जनहित से संबंधित मुद्दों पर समन्वय को बढ़ाने के लिए आयोजित की गई थी।
बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपने संसदीय क्षेत्र गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में हाल में आई अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण उत्पन्न परिस्थितियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में आई रुकावटों, और प्रभावित परिवारों की कठिनाइयों का उल्लेख किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया कि प्रभावित जिलों में त्वरित राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए। किसानों को उचित मुआवज़ा और बीमा लाभ जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, और जल निकासी व्यवस्था की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए। स्थायी समाधान के लिए जल प्रबंधन और आपदा तैयारी के दीर्घकालिक उपायों पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करते हुए आश्वस्त किया कि प्रभावित क्षेत्रों में सरकार हरसंभव मदद और पुनर्वास कार्य को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सिंधिया द्वारा बताए गए जमीनी मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
यह ध्यान देने योग्य है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और मोहन यादव के बीच एक सप्ताह में यह दूसरी बैठक है। इससे पहले, 4 अगस्त को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ गुना संसदीय क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, जहां दोनों नेताओं ने स्थानीय निवासियों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं, साथ ही त्वरित सहायता का आश्वासन भी दिया था।