क्या सोमी अली ने संजय दत्त के साथ 'अंदोलन' की शूटिंग के अनुभव को याद किया?

सारांश
Key Takeaways
- सोमी अली ने संजय दत्त के साथ एक अद्वितीय अनुभव साझा किया।
- 90 के दशक में डांस की चुनौतियाँ थीं।
- संजय दत्त की दयालुता ने सोमी को प्रेरित किया।
- यादें हमेशा ताज़ा रहती हैं।
- दोस्ताना सहयोग का महत्व।
मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री सोमी अली ने 1995 में रिलीज़ हुई अपनी फिल्म 'अंदोलन' में संजय दत्त के साथ काम करने के अनुभव को साझा किया।
उन्होंने बताया कि 90 के दशक में फ़िल्मों में गाने और डांस का एक अलग ही महत्व था, लेकिन उनके लिए यह एक चुनौती थी क्योंकि उन्होंने डांस की कोई औपचारिक ट्रेनिंग नहीं ली थी।
सोमी ने कहा, "भारत में कई अभिनेता बचपन से ही डांस सिखते हैं, क्योंकि यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।"
उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि सिर्फ़ प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सरोज खान ही उन्हें डांस सिखा सकती थीं, क्योंकि वह उनसे डरती थीं।
हालांकि, उनके लिए यह सौभाग्य की बात थी कि उनके को-स्टार संजय दत्त थे। उन्होंने फिल्म के गाने 'दिल तो खोया है यहीं पे कहीं पे' की शूटिंग के दौरान अपनी घबराहट को याद किया।
सोमी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, "संजू (संजय दत्त) सबसे सच्चे, ईमानदार, नेक और ज़मीन से जुड़े स्टार हैं। जैकी श्रॉफ (जग्गू दादा) की तरह वह भी आम लोगों के अभिनेता हैं। संजू में ज़रा भी घमंड या बुराई नहीं है।"
सोमी ने बताया कि गाने की शूटिंग के दौरान वह बहुत घबराई हुई थीं। लेकिन संजय ने उनकी घबराहट को देखकर उनके पास आकर बात की और माहौल को हल्का किया। संजय ने कहा, "चिंता मत करो, मैं भी डांस नहीं कर पाता। बस रिलैक्स करो और मज़ा लो, क्योंकि हम दोनों इसमें खराब हैं।" उनकी इस बात ने सोमी को हंसाया और उनकी घबराहट तुरंत दूर हो गई।
सोमी ने आगे कहा, "संजय ने मुझसे अमेरिका और वहाँ बिताए अपने समय के बारे में बात की, जिससे मैं कुछ ही मिनटों में शांत हो गई।"
उन्होंने संजय को एक शानदार को-स्टार और बेहद दयालु व्यक्ति बताया। सोमी ने यह भी साझा किया कि उनके पिता के दोस्त के जरिए उन्हें संजय के पिता सुनील दत्त से मिलने का मौका मिला था।
उन्होंने कहा, "ये यादें आज भी मेरे लिए ताज़ा हैं। संजय एक बेहतरीन इंसान और सह-कलाकार हैं।" उनकी यह पोस्ट प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।