क्या बिहार में 12 घंटे बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया और पटना को जलमग्न कर दिया?

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क्या बिहार में 12 घंटे बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया और पटना को जलमग्न कर दिया?

सारांश

पटना में 12 घंटे की बारिश ने शहर को बाढ़ में डुबो दिया है। प्रमुख सड़कों पर जलभराव ने जनजीवन को प्रभावित किया है। क्या प्रशासन की मानसून तैयारियों में कमी है? जानिए इस स्थिति के पीछे क्या कारण हैं और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • पटना में जलभराव ने जनजीवन को प्रभावित किया।
  • नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर।
  • प्रशासन की तैयारियों में कमी।
  • अगले 24 घंटों में अधिक बारिश की संभावना।
  • बाढ़ से बचाव के उपायों में सुधार की आवश्यकता।

पटना, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 12 घंटे की रुकावट के बाद लगातार बारिश ने सोमवार को पटना में गंभीर जलभराव पैदा कर दिया, जिसके चलते शहर की गतिविधियाँ लगभग रुक गईं।

सड़कों से लेकर रेलवे तक, बाढ़ की स्थिति ने एक बार फिर प्रशासन की मानसून तैयारियों की कमी को उजागर कर दिया।

डाक बंगला रोड, पटना जंक्शन, बोरिंग रोड, कंकड़बाग कॉलोनी, राजेंद्र नगर और स्टेशन रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे सड़क और रेल संपर्क दोनों बाधित हो गए।

लगातार बारिश के कारण स्कूल वैन समय पर नहीं पहुंच पाईं, परिणामस्वरूप बच्चे स्कूल नहीं जा सके। जलमग्न सड़कों के कारण ऑफिस जाने वाले लोग अपने घरों में ही फंसे रह गए।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए बाहर निकलना लगभग असंभव हो गया।

सड़कें छोटी नदियों में परिवर्तित हो गईं और पैदल चलने वाले लोग खुले नालों और बिजली के झटकों के डर से अत्यधिक सतर्कता बरत रहे थे।

राजेंद्र नगर के एक निवासी ने कहा, "हमें बारिश से नहीं, बल्कि पानी के नीचे छिपी चीजों (जैसे नालियाँ, गड्ढे और बिजली के तार) से डर लगता है। यह प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि नागरिकों की लापरवाही है।"

एक यात्री, शैलेश कुमार ने कहा, "हर साल नगर निगम नालों की सफाई और पंप स्थापित करने का दावा करता है, लेकिन भारी बारिश के कुछ ही घंटे बाद ये दावे निराधार साबित होते हैं। निराशा और जाम ही शेष रह जाता है।"

मानसून की बाढ़ ने बिहार की कई नदियों का जलस्तर भी बढ़ा दिया है।

पटना में दीघा घाट और गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है।

दीघा घाट पर, गंगा खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि गांधी घाट पर यह 53 सेंटीमीटर ऊपर है, जिससे बाढ़ का पानी दियारा, मनेर, दानापुर, फतुहा, बख्तियारपुर और दनियावां जैसे निचले इलाकों में तेजी से फैल रहा है।

गोपालगंज के डुमरिया घाट में गंडक नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटों में राज्य के 19 जिलों में भारी बारिश और 40 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की भविष्यवाणी की है।

सुपौल, अररिया और किशनगंज में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, साथ ही बिजली और गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी भी दी गई है।

नदियों के उफान और बारिश जारी रहने के कारण, बिहार में लंबे समय तक मानसून संकट बना रहेगा।

Point of View

जो हर साल मानसून के दौरान ऐसे संकटों का सामना करता है। नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ की स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें बेहतर योजना और अवसंरचना की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

पटना में बाढ़ के हालात क्यों हैं?
पटना में लगातार 12 घंटे की बारिश के कारण जलभराव हुआ है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
नदियों का जलस्तर क्यों बढ़ा है?
मानसून की बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
बाढ़ के कारण किस तरह की समस्याएं आ रही हैं?
बाढ़ के कारण सड़कें और रेलवे संपर्क ठप हो गए हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
बिहार में प्रशासनिक तैयारी कैसी है?
प्रशासन की मानसून तैयारियों में कमी के कारण हर साल ऐसे संकट का सामना करना पड़ता है।
क्या आगे भी बारिश जारी रहेगी?
मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है।