क्या पटना की सड़कों पर एसटीईटी की मांग को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- छात्रों का प्रदर्शन उनकी शिक्षा के भविष्य को लेकर चिंता को दर्शाता है।
- पुलिस की कार्रवाई ने स्थिति और तनाव को बढ़ा दिया।
- छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं, और उन्हें सुनना जरूरी है।
- सरकार को शिक्षा संबंधी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
- भविष्य के लिए एसटीईटी परीक्षा की आवश्यकता है।
पटना, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर सोमवार को एक बड़ी संख्या में छात्रों और छात्राओं ने एसटीईटी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पटना कॉलेज से सभी छात्र डाक बंगला चौराहा पहुंचे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
पुलिस ने यहां पहले से ही बैरिकेड्स लगा रखे थे। जैसे ही अभ्यर्थी जुटे, पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। जब प्रदर्शनकारी छात्र अड़े रहे, तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया और हल्का बल प्रयोग भी किया। सभी छात्र मुख्यमंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे।
सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए टीआरई-4 और टीआरई-5 की घोषणा की है, जबकि छात्र एसटीईटी की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी छात्र सड़कों पर उतर चुके हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कई बार प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटने को कहा गया, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों से मिलने गया। छात्रों का कहना है कि पहले कहा गया था कि साल में दो बार एसटीईटी होगी, लेकिन अब 2026 की बात की जा रही है। जब एसटीईटी नहीं होगी, तो हम वैकेंसी रहते हुए भी आवेदन नहीं कर सकते। छात्रों ने मांग की है कि शिक्षक बहाली से पहले परीक्षा आयोजित की जाए।
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने 'एसटीईटी नहीं तो वोट भी नहीं' जैसे नारे लगाए। उनका कहना है कि हम छात्र केवल परीक्षा की मांग कर रहे हैं।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजधानी पटना में राज्य के सभी जिलों से अभ्यर्थी जुटे थे और पटना कॉलेज से जुलूस के रूप में डाक बंगला चौराहा पहुंचे थे।