क्या पवन कल्याण ने बुजुर्ग महिला से मिलने का वादा निभाया?
सारांश
Key Takeaways
- पवन कल्याण ने बुजुर्ग महिला की मदद करने का वादा निभाया।
- महिला को आर्थिक सहायता दी गई।
- राजनीति में मानवीयता का महत्व।
- नेताओं को अपने वादे निभाने चाहिए।
- यह घटना समाज को प्रेरित करती है।
अमरावती, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बुधवार को गुंटूर जिले के इप्पटम गांव का दौरा किया और वहां की एक बुजुर्ग महिला से मुलाकात की। पवन कल्याण ने तीन साल पहले इस बुजुर्ग महिला की मदद करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने सरकार में आने के बाद पूरा किया है।
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इंदला नागेश्वरम्मा के घर जाकर बुजुर्ग महिला का हालचाल पूछा।
बुजुर्ग महिला ने जन सेना पार्टी के नेता को गले लगाया और उन्हें आशीर्वाद दिया। कल्याण ने महिला के लिए ५०,००० रुपए और उनके पोते की शिक्षा के लिए १ लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री ने महिला को अपने वेतन से हर महीने ५,००० रुपए देने का भी वादा किया।
बता दें कि नवंबर २०२२ में अभिनेता-राजनेता ने गांव के उन लोगों से मुलाकात की थी, जिनके घर सड़क चौड़ीकरण के दौरान गिरा दिए गए थे।
आरोप था कि तत्कालीन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उनके घरों को इसलिए ध्वस्त कर दिया था क्योंकि उन्होंने १४ मार्च, २०२२ को जन सेना के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित जनसभा के लिए अपनी जमीनें दे दी थीं।
इस दौरान नागेश्वरम्मा ने उनसे मुलाकात की और चुनाव जीतने के बाद फिर से आने का अनुरोध किया। पवन कल्याण ने गांव आने का वादा किया था।
२०२४ में भाजपा और टीडीपी के साथ सत्ता हासिल करने के बाद पवन कल्याण ने बुधवार को गांव जाकर अपना वादा निभाया।
उन्होंने बुजुर्ग महिला से मिलकर कहा कि आज आपसे किया वादा निभाने के लिए, मैंने अपना सारा काम स्थगित कर दिया और आपके लिए आया हूं।
पवन कल्याण ने स्नेहपूर्वक उन्हें गले लगाया और गर्मजोशी से बातें कीं।
उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में नागेश्वरम्मा का घर इसलिए ध्वस्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने और अन्य लोगों ने जन सेना की जनसभा के लिए अपनी जमीनें दे दी थीं।
उन्होंने याद दिलाया कि नागेश्वरम्मा ने तत्कालीन शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया और उनसे कहा कि उनका बेटा पवन कल्याण आएगा।
पवन कल्याण ने याद दिलाया कि वे गांव आए थे और सभी को आश्वासन दिया था। नागेश्वरम्मा ने उनसे चुनाव जीतने के बाद अपने घर आने का अनुरोध किया था।