क्या पीएम को देश का 'प्राइम एसेट' मानना थरूर की व्यक्तिगत राय है? : तारिक अनवर

सारांश
Key Takeaways
- शशि थरूर ने पीएम मोदी को 'प्राइम एसेट' बताया।
- तारिक अनवर ने इसे व्यक्तिगत राय कहा।
- मोदी की विदेश नीति विफल हुई है।
- गुजरात के अध्यक्ष का इस्तीफा एक परंपरा को दर्शाता है।
- विदेश यात्राओं का देश को कोई लाभ नहीं मिला।
नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक मंच पर भारत का एक 'प्राइम एसेट' बताया है। इस बयान के जरिए शशि थरूर ने अपनी पार्टी को फिर से असहज स्थिति में ला दिया है। इस पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि यह थरूर की व्यक्तिगत राय है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश नीति पूरी तरह से विफल रही है।
तारिक अनवर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि शशि थरूर की बात उनकी अपनी व्यक्तिगत राय है, और पार्टी ने इस लेख पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनकी नजर में, प्रधानमंत्री देश के लिए 'प्राइम एसेट' हो सकते हैं, लेकिन वास्तविकता में, देश की नजर में पीएम अब एक लायबिलिटी बन चुके हैं।
पाकिस्तान के साथ संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस जंग में हमारी विदेश नीति की नाकामी उजागर हो गई है। एक ऐसा देश जो विश्व गुरु बनने की तैयारी कर रहा था, आज कोई अन्य देश हमारे साथ खड़ा नहीं है। आतंकवादी हमारी सीमाओं को पार करते हुए भारतीय सीमा में आ रहे हैं, और हमारे नागरिकों को मार रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि पीएम मोदी की विदेश नीति फेल हो चुकी है।
गुजरात उपचुनाव के परिणामों के बाद गुजरात के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल के इस्तीफे की पेशकश को सराहते हुए उन्होंने कहा, "शक्ति सिंह गोहिल का कदम एक अच्छी परंपरा है, और कांग्रेस पार्टी को इसे आगे बढ़ाना चाहिए।" उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कांग्रेस २०१९ में चुनाव हारी, तब पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया।
राहुल गांधी के विदेश दौरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कितनी बार विदेश गए हैं। यदि दोनों की तुलना की जाए तो यह स्पष्ट होगा कि कौन कितना विदेश गया है। पहले खबरें आती थीं कि हमारे प्रधानमंत्री भारत वापस आ रहे हैं, लेकिन अब तक के जितने पीएम बने हैं, उन्हें पीएम मोदी ने विदेश यात्रा के मामले में फेल कर दिया है। विदेश यात्रा में अरबों का खर्च आता है, लेकिन प्रधानमंत्री के विदेश दौरे का अभी तक देश को कोई लाभ नहीं मिला है।