दीपावली पर पीएम मोदी का संदेश: क्या समाज में जलाएं सद्भाव, सहयोग और सकारात्मकता के दीप?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें।
- सद्भाव और सकारात्मकता के दीप जलाएं।
- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण घटना है।
- हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की ओर बढ़ें।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाएं।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में दीपावली का पर्व पूर्ण उल्लास के साथ मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली पर देशवासियों को एक पत्र लिखा।
ज्ञात हो कि 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। बाजारों में रौनक देखने को मिली और हाल के जीएसटी सुधारों का सकारात्मक प्रभाव उपभोक्ताओं की खरीदारी में देखने को मिला। इसके अलावा, पीएम मोदी की स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील ने भी लोगों को प्रोत्साहित किया, जिसके चलते स्वदेशी सामानों की मांग बढ़ी। लोगों ने स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर त्योहार को और भी खास बना दिया।
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए लिखा कि एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में, हम सभी का मुख्य दायित्व है कि हम अपने देश के प्रति कर्तव्य निभाएं। हमें स्वदेशी अपनाना चाहिए और गर्व से कहना चाहिए कि यह स्वदेशी है। हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। हमें हर भाषा का सम्मान करना चाहिए, स्वच्छता का पालन करना चाहिए और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। भोजन में तेल की मात्रा 10 प्रतिशत कम करनी चाहिए और योग को अपनाना चाहिए। ये प्रयास हमें विकसित भारत की ओर ले जाएंगे।
पीएम मोदी ने दीपावली पर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह त्योहार हमें सिखाता है कि जब एक दीप दूसरे दीप को जलाता है, तो उसका प्रकाश कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है। हमें भी इस दीपावली पर अपने समाज में सद्भाव, सहयोग और सकारात्मकता के दीप जलाने चाहिए।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह दूसरी दीपावली है जब हम इस भव्य मंदिर का निर्माण देख रहे हैं। प्रभु श्रीराम हमें मर्यादा का पालन करना सिखाते हैं और अन्याय से लड़ने की प्रेरणा भी देते हैं। इसका उदाहरण हमने हाल में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा। इस बार की दीपावली इसलिए भी विशेष है क्योंकि देश के कई जिलों में, दूर-दराज के क्षेत्रों में पहली बार दीप जलाए जाएंगे। ये वो जिले हैं, जहां नक्सलवाद और माओवादी आतंक को जड़ से मिटा दिया गया है। हाल के दिनों में हमने देखा है कि अनेक व्यक्तियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और उन्होंने देश के संविधान के प्रति आस्था जताई है। यह देश की एक महान उपलब्धि है।