क्या 'दिल की बात' कार्यक्रम में बच्चों ने पीएम मोदी से अपने सपनों का साझा किया?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से संवाद किया।
- बच्चों ने अपने सपनों को साझा किया।
- कार्यक्रम ने बच्चों की प्रेरणा को उजागर किया।
- दिल की बीमारी से उबरने वाले बच्चों की कहानियाँ।
- सामाजिक सेवा के प्रति बच्चों का जज़्बा।
रायपुर, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने 'दिल की बात' कार्यक्रम के तहत दिल की बीमारी से पीड़ित और सफल इलाज करवा चुके बच्चों के साथ संवाद किया।
पीएम मोदी ने बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया और लिखा, "छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान, मैंने अपने उन युवा मित्रों से मुलाकात की, जिनके जन्मजात हृदय रोगों का सफलतापूर्वक इलाज हुआ है। उनका जज़्बा वास्तव में प्रेरणादायक है।"
'दिल की बात' कार्यक्रम में एक हॉकी चैंपियन बच्ची ने बताया कि जांच में उसके दिल में छेद पाया गया था, जिसका ऑपरेशन छह महीने पहले हुआ और अब वह मैदान में लौट चुकी है, उसने पाँच मेडल जीते हैं। वह भविष्य में डॉक्टर बनकर सबकी सेवा करना चाहती है।
जब प्रधानमंत्री ने पूछा कि जब तुम डॉक्टर बनोगी तो क्या मेरा इलाज करोगी? बच्ची ने कहा, "हाँ, मैं करूंगी।" उसने इस पर एक पक्का वादा भी किया।
एक अन्य बच्ची ने एक साल पहले ऑपरेशन करवा कर डॉक्टर बनने की इच्छा व्यक्त की और एक प्रेरणादायक कविता सुनाई। उसने गाया, "मंजिल से आगे बढ़कर मंजिल तलाश कर, मिल जाए तुझको दरिया तो समुंदर तलाश कर..."
2014 में 14 महीने की उम्र में ऑपरेशन करवाने वाला बच्चा अब 11 साल बाद पूरी तरह स्वस्थ है और क्रिकेट खेलता है। सातवीं कक्षा की एक छात्रा ने 2023 में ऑपरेशन के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के लिए शिक्षक बनने का सपना साझा किया।
पश्चिम बंगाल के अभिक ने आर्मी जॉइन करने की इच्छा जताई और प्रधानमंत्री से हाथ मिलाते हुए कहा कि उनसे मिलने का सपना उसे बहुत पहले से था।
एक बच्चे ने इंजेक्शन से न डरने की बात की। प्रधानमंत्री ने सत्य साईं बाबा की शताब्दी का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने पुट्टपर्थी में 400 गांवों में पीने का पानी पहुँचाया। पीएम मोदी ने पानी बचाने और 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की याद दिलाई।