क्या प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी?
सारांश
Key Takeaways
- कानूनी सहायता का महत्व
- न्याय का सुलभ होना
- मध्यस्थता की भूमिका
- राष्ट्रीय सम्मेलन की विशेषताएँ
- सामुदायिक प्रशिक्षण के फायदे
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है। उन्होंने 'स्ट्रेंथनिंग लीगल एड डिलीवरी मैकेनिज्म' पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा बनाए गए सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब न्याय सभी के लिए सुलभ होता है, समय पर होता है, और किसी की सामाजिक या वित्तीय पृष्ठभूमि को नजरअंदाज कर हर व्यक्ति तक पहुंचता है, तभी वह सामाजिक न्याय की नींव बनाता है। कानूनी सहायता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुझे खुशी है कि आज लोक अदालतों और प्री-लिटिगेशन सेटलमेंट के द्वारा लाखों विवादों का समाधान जल्दी, सौहार्दपूर्ण और कम खर्च में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय में होने वाला यह राष्ट्रीय सम्मेलन हमारी न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ बनाने के प्रयासों को और बढ़ाएगा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता वितरण तंत्र की मजबूती और कानूनी प्रक्रिया से जुड़े कार्यक्रम हमारी न्यायिक व्यवस्था को नई ताकत देंगे। मैं 20वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस की सभी को शुभकामनाएं देता हूँ।
उन्होंने यह भी कहा कि अब न्याय सबके लिए पहुंच योग्य हो गया है, समय पर मिलता है और किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हर व्यक्ति तक पहुंचता है। कानूनी सहायता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता हमेशा हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है और नया मीडिएशन एक्ट इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से सामुदायिक मध्यस्थता के लिए ऐसे संसाधन तैयार होंगे, जो विवादों को सुलझाने, सद्भाव बनाए रखने और मुकदमेबाजी को कम करने में सहायक होंगे।