क्या पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के समर्थकों को जवाब दिया? : नरेंद्र कश्यप

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है।
- भारत में आतंकवाद, नक्सलवाद और माओवाद अपने अंतिम चरण में हैं।
- आतंकवाद के समर्थकों पर पीएम मोदी की नजर है।
- उत्तर प्रदेश में घुमंतू जातियों के लिए बोर्ड का गठन किया गया है।
- राष्ट्र की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
लखनऊ, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आतंकवाद के खिलाफ दिए गए बयान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आतंकवाद को समाप्त करने के मुद्दे पर चर्चा कर देश का मान बढ़ाया है।
नरेंद्र कश्यप ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि एससीओ बैठक में प्रधानमंत्री ने कई राष्ट्रीय नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और भारत के व्यापार और सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि आज भारत में आतंकवाद, नक्सलवाद और माओवाद अपने अंतिम चरण में हैं, जिसका अर्थ है कि हमारा देश इन प्रमुख मुद्दों से निपटने में काफी हद तक सफल रहा है। एससीओ सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद के समापन पर चर्चा कर देश की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जो कि प्रशंसा के योग्य है।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि पहलगाम की घटना भारत की आत्मा पर हमला था, जिसने राष्ट्र की नींव को हिला दिया। शायद पहली बार, इतने बड़े आतंकवादी हमले में धर्म और पहचान के आधार पर निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया, उनके परिवारों के सामने निर्दयता से हत्या कर दी गई, जबकि उनका किसी भी गलत काम में कोई हाथ नहीं था। प्रधानमंत्री ने इस हमले का दृढ़ता से जवाब दिया और पहलगाम के आतंकवादियों, उनके मास्टरमाइंड और प्रायोजकों को जो संदेश दिया, वह दुनिया कभी नहीं भूलेगी। जिन देशों ने आतंकवाद के समर्थन में कदम उठाए, पीएम मोदी उन पर नजर रखे हुए हैं। जिन लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ आवाज उठाई, पीएम ने उनका आभार प्रकट किया। संदेश स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद को सहन नहीं करेगा और आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के अधिकांश देशों ने पीएम मोदी की मजबूत नीति पर भारत का समर्थन किया है।
नरेंद्र कश्यप ने उत्तर प्रदेश में घुमंतू और विमुक्त जातियों के लिए बोर्ड के गठन को ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने घुमंतू जातियों के लिए आवास और रोजगार की चिंता की है। अंतिम पायदान पर जीवन जीने वाले लोगों के लिए स्तर को सुधारने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है।