क्या वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव रख रही हैं? : पीएम मोदी
सारांश
Key Takeaways
- वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी का हिस्सा हैं।
- इनका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
- ये ट्रेनें भारतीय संस्कृति और आस्था को जोड़ने का कार्य करती हैं।
- प्रधान मंत्री मोदी ने इन ट्रेनों को मील का पत्थर बताया है।
- हर भारतीय को इस पर गर्व है।
वाराणसी, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से देश को चार नई वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देश ने विकसित भारत के लिए अपने साधनों को श्रेष्ठ बनाने का अभियान शुरू किया है, ये ट्रेनें उसमें एक मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने बताया कि आज वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारतीय रेलवे को ट्रांसफॉर्म करने का एक संपूर्ण अभियान है। वंदे भारत भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, और भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
काशी से खजुराहो वंदे भारत के अलावा, फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत और एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई है।
पीएम ने कहा कि इन चार नई वंदे भारत ट्रेनों के साथ अब देश में 160 से ज्यादा नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। दुनिया के विकसित देशों में आर्थिक विकास का एक बड़ा कारण वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर रहा है। जिन देशों में बड़ी प्रगति हुई है, उनके विकास के पीछे वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर का योगदान है। आज भारत भी तेज गति से इसी दिशा में बढ़ रहा है। इसी कड़ी में देश के विभिन्न हिस्सों में नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे भारत में सदियों से तीर्थ यात्राओं को देश की चेतना का माध्यम कहा गया है। ये यात्राएं केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि भारत की आत्मा को जोड़ने वाली पवित्र परंपरा हैं।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट, कुरुक्षेत्र जैसे अनगिनत तीर्थ क्षेत्र हमारी आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं। जब ये पावन धाम वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ते हैं, तो यह भारत की संस्कृति, आस्था और विकास को जोड़ने का कार्य करते हैं। ये भारत की सांस्कृतिक विरासत के शहरों को देश के विकास का प्रतीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है बनारस आना, बनारस में रहना और बनारस की सुविधाओं का अनुभव करना। सभी के लिए एक विशेष अनुभव कराना हमारी सरकार का लक्ष्य है।