क्या महाप्रभु जगन्नाथ हमारे लिए अराध्य, प्रेरणा और जीवन हैं? पीएम मोदी ने कहा

Click to start listening
क्या महाप्रभु जगन्नाथ हमारे लिए अराध्य, प्रेरणा और जीवन हैं? पीएम मोदी ने कहा

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। रथयात्रा की विशेषताएं और उसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला। जानें इस पावन पर्व की विशेषताएं और पीएम मोदी के विचार।

Key Takeaways

  • रथ यात्रा भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हर साल आयोजित की जाती है।
  • यह यात्रा एकता और समृद्धि का प्रतीक है।
  • इसमें कई धार्मिक अनुष्ठान शामिल होते हैं।
  • यात्रा के दौरान लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुरुआत पर सभी को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से देशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

पीएम मोदी ने कहा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के इस पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही मेरी कामना है। जय जगन्नाथ!”

प्रधानमंत्री ने इस बधाई संदेश के साथ एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का वर्णन कर रहे हैं। वीडियो में कहा गया, “महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं, प्रेरणा भी हैं। जगन्नाथ हैं, तो जीवन है। भगवान जगन्नाथ जनता जनार्दन को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकल रहे हैं।”

पीएम मोदी ने आगे वीडियो में रथयात्रा की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक अद्वितीय पहचान है। देश के विभिन्न राज्यों में रथयात्रा धूमधाम से मनाई जा रही है, जबकि ओडिशा के पुरी में निकलने वाली रथयात्रा अद्भुत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन रथ यात्राओं में विभिन्न वर्गों और समाजों के लोग शामिल होते हैं, जो अपने आप में अनुकरणीय है। यह आस्था के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी प्रतीक है। इस पावन अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में आषाढ़ी बीज के अवसर पर विश्वभर के कच्छी समुदाय के लोगों को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर, विशेष रूप से दुनिया भर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएं। आने वाला वर्ष सभी के लिए शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।”

यह उल्लेखनीय है कि देशभर में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा आयोजित की जाती है। ओडिशा के पुरी की यात्रा सबसे बड़ी होती है, जो गुंडिचा मंदिर तक जाती है। यह यात्रा 12 दिनों तक चलेगी और 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ समाप्त होगी, जब भगवान अपने मूल मंदिर लौटेंगे।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ साल में एक बार अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इस यात्रा की तैयारी पहले से की जाती है और कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी प्रतीक है। पीएम मोदी का संदेश इस बात को दर्शाता है कि हमारी एकता और समृद्धि में ही हमारी शक्ति है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा कब होती है?
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को होती है।
क्या रथ यात्रा केवल ओडिशा में होती है?
हालांकि रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में सबसे प्रसिद्ध है, लेकिन पूरे देश में कई स्थानों पर इसका आयोजन होता है।
रथ यात्रा के दौरान कौन-से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?
रथ यात्रा के दौरान विशेष पूजा-अर्चना, भजन, कीर्तन और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
रथ यात्रा का महत्व क्या है?
रथ यात्रा का महत्व आस्था, एकता और भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में है। यह सामाजिक सद्भावना को भी बढ़ावा देती है।
रथ यात्रा कब समाप्त होती है?
यह यात्रा 12 दिनों तक चलती है और 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ समाप्त होती है।