क्या प्रधानमंत्री मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। यह बैठक भारत और चीन के संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस सम्मेलन में क्या चर्चा होने वाली है और इससे क्षेत्रीय सहयोग पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है।
  • एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय शक्तियों का एकत्र होना।
  • भारत-चीन संबंधों में सुधार की संभावनाएं।
  • आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने पर फोकस।
  • रूस के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना।

तियानजिन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। इसे क्षेत्रीय शक्तियों के साथ एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक बैठक माना जा रहा है, जो कि क्षेत्रीय सहयोग का प्रतीक है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे प्रमुख क्षेत्रीय नेता भी शामिल होंगे। वैश्विक अनिश्चितता के इस समय में प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी और राष्ट्रपति पुतिन एक मंच पर उपस्थित रहेंगे, जो क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को उजागर करता है।

इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है। भारत और रूस के बीच वैश्विक तनावों के बावजूद रणनीतिक और ऊर्जा क्षेत्रों में निकटता बनी हुई है।

इस शिखर सम्मेलन का मुख्य ध्यान आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी 'तीन बुराइयों' से निपटने पर केंद्रित रहेगा, जो कि संगठन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है। सोमवार दोपहर एक समझौता हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद नेताओं का एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।

यह प्रधानमंत्री मोदी की सात वर्षों में पहली चीन यात्रा है, और यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन अपने लंबे सीमा विवाद के बाद धीरे-धीरे अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी आज रात भारत लौटेंगे, जिससे यह महत्वपूर्ण कूटनीतिक दौरा समाप्त होगा।

शिखर सम्मेलन की आधिकारिक शुरुआत से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की लगभग दस महीनों बाद पहली बैठक थी।

दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को स्थिर करने और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की, विशेषकर हाल ही में सीमा प्रबंधन प्रोटोकॉल पर हुई प्रगति के बाद। दोनों पक्षों ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नए गश्त नियमों पर सहमति जताई है, जो चार वर्षों के तनाव के बाद संबंधों में सुधार का संकेत देता है।

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2024 में रूस के कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात के कुछ महीनों बाद हो रही है।

अधिकारियों का कहना है कि तियानजिन बैठक का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और एशिया में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस गति को आगे बढ़ाना था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेना एक मजबूत कूटनीतिक कदम है, जो भारत को क्षेत्रीय शक्तियों के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में ले जा सकता है। यह बैठक भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में कब शामिल हो रहे हैं?
प्रधानमंत्री मोदी आज, 1 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटना है।