क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई? : जयशंकर

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क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई? : जयशंकर

सारांश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ। जानिए इस ऑपरेशन के पीछे की सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • भारत की जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है।
  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई बातचीत नहीं हुई।
  • पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ प्रतिक्रिया जारी है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता।
  • पाकिस्तानी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध जारी रहेंगे।

नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को बनाए रखता है, विशेषकर जब यह पाकिस्तान से उत्पन्न होता है।

उन्होंने यह भी बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई।

जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच किसी प्रकार की फोन कॉल नहीं हुई।"

उन्होंने उन अटकलों पर भी विराम लगाया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अंतरराष्ट्रीय दबाव की कोई भूमिका थी।

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की थी। उल्लेखनीय है कि इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

इस ऑपरेशन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन का सैन्य संघर्ष हुआ, जिसमें पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की असफल कोशिशें कीं। हालांकि, पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क कर युद्धविराम की बात की, जिससे स्थिति शांत हुई।

जयशंकर ने बताया कि भारत ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन की भूमिका को बार-बार उजागर किया है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा, "हमने विश्व नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति बताई। हमें बचाव का अधिकार है।"

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की भारत की मुहिम सफल रही है।

जयशंकर ने लोकसभा में कहा, "नई दिल्ली ने न केवल इस्लामाबाद के परेशान करने वाले इतिहास को उजागर किया, बल्कि उसका असली चेहरा दुनिया के सामने लाने में भी सफल रही।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया का अंत नहीं है।

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद का जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के साथ खत्म नहीं होगा। हम अपने नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।"

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

उन्होंने यह भी पुष्टि की कि पाकिस्तानी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध भारत की व्यापक आतंकवाद-रोधी रणनीति के हिस्से के रूप में जारी रहेंगे। जयशंकर ने कहा, "ये उपाय आतंकवाद के खतरे से निपटने की हमारी व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को स्पष्ट रूप से पेश किया है। जयशंकर का बयान दर्शाता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति गंभीर है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई बातचीत हुई थी?
नहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य क्या था?
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना था।
भारत की जीरो टॉलरेंस नीति क्या है?
भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का मतलब है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता रखता है।
क्या पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग किया गया है?
हाँ, भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश की है।
ऑपरेशन सिंदूर के परिणाम क्या थे?
ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष हुआ।