क्या पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का संभावित दौरा हिमाचल प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीमें चंबा और कुल्लू में नुकसान का आकलन करने पहुंचेंगी।
- हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
- राज्य सरकार ने विशेष राहत पैकेज की मांग की है।
- भारतीय वायु सेना बचाव कार्य में लगी हुई है।
शिमला, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित जिलों का दौरा करने की संभावना है। उनके संभावित दौरे से पूर्व, केंद्रीय गृह मंत्रालय की दो टीमें चंबा और कुल्लू में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए रविवार को पहुंचेंगी। इन जिलों में निरंतर बारिश के कारण भारी तबाही आई है। कई लोगों की जान भी गई है और बुनियादी ढांचे तथा कृषि को व्यापक नुकसान हुआ है। शनिवार को इस बात की पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की।
एक टीम पठानकोट से चंबा और दूसरी चंडीगढ़ से कुल्लू जाएगी। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि दोनों टीमें १० सितंबर तक दौरे पर रहेंगी और नुकसान का आकलन कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगी।
राज्य सरकार ने ३,९५९ करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। अब तक, मानसून के दौरान बारिश जारी है और राज्य के सभी १२ जिलों में नुकसान का आंकड़ा बढ़ रहा है।
मणिमहेश यात्रा में फंसे तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए भारतीय वायु सेना को बचाव अभियान में तैनात किया गया था।
एक अधिकारी ने कहा, "खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री मोदी का दौरा फिलहाल निर्धारित नहीं है। अगले हफ्ते मौसम साफ होने पर, प्रधानमंत्री मोदी कुल्लू और चंबा का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।"
उन्होंने आगे बताया, "पिछले हफ्ते खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय का हिमाचल प्रदेश दौरा निर्धारित नहीं हो सका था।"
राज्य की कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग कर रही है।
जून में मंडी जिले के सेराज विधानसभा क्षेत्र में ३१ लोगों की मौत हो गई और सभी जगहों से सड़क संपर्क टूट गया था। उसके बाद कुल्लू, कांगड़ा, मंडी और अब चंबा जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि १,०८७ सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि २,८३८ बिजली आपूर्ति लाइनें और ५०९ जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने घोर आपदा की स्थिति को देखते हुए हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया था।
२०२३ में, हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदाओं के कारण १०,००० करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। २०२४ में भी, शिमला और कुल्लू जिले प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेल चुके हैं।