क्या पीएमके नेता अंबुमणि ने डीएमके पर सही आरोप लगाए हैं?

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क्या पीएमके नेता अंबुमणि ने डीएमके पर सही आरोप लगाए हैं?

सारांश

क्या पीएमके नेता अंबुमणि ने डीएमके के फर्जी वोटिंग के आरोपों को सही ठहराया है? जानें उनकी टिप्पणियां और आगामी चुनाव में मतदाता सूची के महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • 97 लाख मतदाता नाम हटाए गए हैं।
  • डीएमके पर फर्जी वोटिंग के आरोप।
  • कानूनी पात्र मतदाता अपने नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।
  • अंबुमणि ने चुनाव से पहले मेगा गठबंधन की बात की।
  • चुनाव में डीएमके को चुनौती दी जाएगी।

मदुरई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के नेता अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु में ड्राफ्ट मतदाता सूची से लगभग 97 लाख नाम हटाए जाने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि फर्जी मतदाताओं को सूची से बाहर करने से फर्क पड़ेगा, लेकिन डीएमके फर्जी वोटिंग में पीएचडी कर चुकी है।

अंबुमणि ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "डीएमके को अच्छी तरह पता है कि फर्जी वोटर कहां हैं और उनका इस्तेमाल कैसे करना है। उनके पास इसका पूरा हिसाब-किताब है। चेन्नई में यह पाया गया है कि 40 लाख मतदाताओं में से 15 लाख से ज्यादा फर्जी मतदाता हैं। यानी लगभग एक-तिहाई मतदाता फर्जी हैं। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जिनकी मौत हो चुकी है या जिनके पास दो-दो वोट हैं। इस तरह के अतिरिक्त वोट मौजूद हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं उन्हें सीधे तौर पर फर्जी वोटर नहीं कहूंगा, लेकिन उनके नाम हटाए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री स्टालिन के निर्वाचन क्षेत्र में ही एक लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था।"

ड्राफ्ट मतदाता सूची को लेकर अंबुमणि रामदास ने कहा कि अब जब तमिलनाडु में कहा जा रहा है कि 97 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, तो इसके साथ ही विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। इस शनिवार-रविवार और अगले शनिवार-रविवार को ये शिविर होंगे। अगर किसी का नाम हट गया है और वह कानूनी रूप से पात्र है, तो वह जाकर फॉर्म भर सकता है और फिर से अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकता है।

पीएमके नेता ने अनुमान लगाया कि फाइनल मतदाता सूची में करीब 80 से 85 लाख मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के शुद्धिकरण से हमारी जैसी पार्टियों को फायदा होगा, क्योंकि डीएमके जैसी पार्टियों ने इसका गलत फायदा उठाया है। अंबुमणि ने कहा, "पिछले चुनाव में जीत का अंतर कहीं 500 वोट, कहीं 1,000 वोट, कहीं 2,000 या 1,800 वोट का था। किसी निर्वाचन क्षेत्र में 10,000 या 20,000 फर्जी वोटर हों, जैसे ईरोड उपचुनाव में 44,000 फर्जी वोटर थे, तो जब हम इस व्यवस्था को साफ करेंगे। इसका लाभ हमारी जैसी पार्टियों और आम जनता को मिलेगा और डीएमके इस चुनाव में पूरी तरह पराजित होगी।"

अंबुमणि ने कहा कि चुनाव से पहले हमारे पास अभी तीन महीने हैं। आने वाले हफ्तों में आप तमिलनाडु में एक मजबूत गठबंधन बनते देखेंगे। यह एक मेगा गठबंधन होगा। पीएमके नेता ने कहा कि डीएमके ने तमिलनाडु में पिछले तीन चुनाव इसलिए जीते क्योंकि विपक्ष बिखरा हुआ था।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि अंबुमणि रामदास द्वारा किए गए आरोप, यदि सही हैं, तो तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं। राजनीतिक दलों को चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या पीएमके नेता के आरोप सही हैं?
पीएमके नेता के आरोपों की सत्यता की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन यह चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय है।
फर्जी मतदाता सूची के कारण क्या प्रभाव पड़ सकता है?
फर्जी मतदाता सूची चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी को नुकसान हो सकता है।
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