क्या जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी?

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क्या जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी?

सारांश

पुलिस स्मृति दिवस पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह अवसर उनके बलिदान को सम्मानित करने का था, जिसमें मुख्यमंत्री ने भी भाग लिया। जानिए इस दिन की महत्वपूर्ण बातें और पुलिस की भूमिका पर उपराज्यपाल का संदेश।

Key Takeaways

  • पुलिस स्मृति दिवस
  • शहीदों के बलिदान को सम्मानित करना
  • पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा और निस्वार्थ सेवा
  • आतंकवाद और अपराध के खिलाफ सतर्कता
  • पुलिस और नागरिकों के बीच भरोसे का निर्माण

श्रीनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के जेवान में स्थित पुलिस स्मारक पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, मुख्यमंत्री ने भी शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मानित करते हुए अपनी श्रद्धांजलि प्रकट की।

उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर पुलिस को कर्तव्य, अनुशासन, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, "हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों ने हमेशा राष्ट्र के विकास और नागरिकों की सुरक्षा को अपनी जान से ऊपर रखा है। तिरंगे के प्रति उनका गहरा प्रेम मातृभूमि के लिए बलिदान का मूल कारण है।"

उन्होंने आतंकवाद, अपराध, और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों का सामना करने में पुलिस की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि उनका बलिदान भावी पीढ़ियों को देश सेवा के लिए प्रेरित करता है।

उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सतत सतर्कता और तैयारियों का आह्वान किया। उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली के पांच स्तंभों, पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, फोरेंसिक और जेल, से एकजुट होकर कार्य करने और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की। इसके अलावा, उन्होंने नए अपराध रुझानों, नशीली दवाओं की तस्करी और झूठे प्रचार का जवाब देने के लिए नवाचार और स्मार्ट तकनीक अपनाने पर जोर दिया।

उपराज्यपाल ने पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस शहीदों के परिवारों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने हेतु कई कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है। इस अवसर पर, डीजीपी नलिन प्रभात ने कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम पढ़े। शहीदों के सम्मान में शस्त्र झुकाए गए और दो मिनट का मौन रखा गया। उपराज्यपाल ने रक्तदान शिविर का भी दौरा किया।

वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से साझा पोस्ट में कहा गया, "मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस पर श्रीनगर के जेवान में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को सम्मानित किया।"

जम्मू-कश्मीर पुलिस की गौरवशाली विरासत और शहीदों का बलिदान देश के लिए एक प्रेरणा है। उपराज्यपाल ने नागरिकों की सुरक्षा और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए पुलिस और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया।

—राष्ट्र प्रेस

एससीएच

Point of View

यह स्पष्ट है कि पुलिस स्मृति दिवस हमारे देश की सुरक्षा बलों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने का एक अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे हमारे पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सुरक्षा करते हैं। हमें उनकी मेहनत और बलिदान का आदर करना चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस स्मृति दिवस कब मनाया जाता है?
पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
इस दिन का महत्व क्या है?
इस दिन का महत्व शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देना और उनके बलिदान को सम्मानित करना है।
उपराज्यपाल ने क्या कहा?
उपराज्यपाल ने पुलिस के कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की प्रशंसा की और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।