क्या पूनम पांडे को रामलीला में भूमिका देना सही है? : प्रवीण शंकर कपूर

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क्या पूनम पांडे को रामलीला में भूमिका देना सही है? : प्रवीण शंकर कपूर

सारांश

दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने पूनम पांडे को रामलीला में मंदोदरी की भूमिका देने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। आइए जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • पूनम पांडे का विवादित करियर है।
  • रामलीला की गरिमा को बनाए रखना जरूरी है।
  • धार्मिक भावनाओं का सम्मान आवश्यक है।
  • समाज के विभिन्न वर्गों की राय लेना महत्वपूर्ण है।
  • संस्कृति और धर्म के मूल्यों की रक्षा करना चाहिए।

नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख और लव कुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली की लव कुश रामलीला कमेटी द्वारा रामलीला मंचन में मंदोदरी की भूमिका मॉडल पूनम पांडे को देने की कड़ी भर्त्सना की है।

प्रवीण शंकर कपूर ने इस संदर्भ में लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार एवं सचिव सुभाष गोयल को पत्र लिखकर मॉडल पूनम पांडे को रामलीला में पात्र देने पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि मॉडल पूनम पांडे ने कभी फिल्मों में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं निभाई और हमेशा से सोशल मीडिया में अश्लीलता एवं फूहड़ता दर्शाने के लिए मशहूर रही हैं। वह केवल विवादित हरकतों के लिए पहचानी जाती हैं।

उन्होंने रामलीला के वरिष्ठ पदाधिकारियों से कहा कि पूनम पांडे को रामलीला में भूमिका देना लव कुश रामलीला की गरिमा के अनुरूप नहीं रहेगा। कपूर ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली शाखा ने भी मॉडल पूनम पांडे को भूमिका देने की निंदा की है और लव कुश रामलीला के इस निर्णय ने लाखों धर्मावलम्बियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। अतः लव कुश रामलीला के आयोजकों को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।

इससे पहले श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत स्वामी नारायण दास ने राष्ट्र प्रेस से कहा, “रामलीला समिति ने पूनम पांडे को मंदोदरी का जो रोल दिया है, वह रोल देने से पहले समिति को उनके चरित्र का मूल्यांकन करना चाहिए। उनकी भाषा, विचार और पहनावे पर विचार करना चाहिए। सनातन धर्म में मंदोदरी को सतियों में गिना गया है। जो मंदोदरी की भूमिका निभा रहा है, उसमें कुछ तो सांस्कृतिक गुण होने चाहिए। अभद्र भाषा और वेशभूषा नहीं होनी चाहिए। अगर इन सबका ध्यान नहीं रखा जा रहा है तो यह उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि निसंदेह यह निर्णय हमारी धार्मिक भावनाओं को ही नहीं बल्कि हमारी सनातन संस्कृति को धूमिल करने वाला है। यह सनातन धर्म के सांस्कृतिक मूल्यों की अवहेलना करने वाला है। इसका किसी भी व्यक्ति को अधिकार नहीं है, इसलिए यदि कोई भी धार्मिक कार्य किया जाए तो इससे पहले संदर्भित व्यक्ति से बात की जानी चाहिए।

-- राष्ट्र प्रेस

डीकेपी/

Point of View

बल्कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान की आवश्यकता को भी उजागर करता है। एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, मेरा मानना है कि ऐसे निर्णयों पर विचार करना चाहिए जो समाज के समस्त वर्गों की भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका क्यों दी गई?
लव कुश रामलीला कमेटी ने पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका देने का निर्णय लिया, जो बाद में विवाद का कारण बना।
प्रवीण शंकर कपूर ने इस निर्णय पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लव कुश रामलीला की गरिमा के अनुकूल नहीं है और इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
क्या विश्व हिंदू परिषद ने भी इस निर्णय की आलोचना की है?
हाँ, विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली शाखा ने भी इस निर्णय की निंदा की है।