क्या पूर्व एसटीएफ चीफ की गिरफ्तारी ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई को नया मोड़ दिया?
सारांश
Key Takeaways
- रशपाल सिंह की गिरफ्तारी से नशीली दवाओं के खिलाफ मुहिम को बल मिलेगा।
- भ्रष्टाचार और फर्जी मामलों के खिलाफ यह एक महत्वपूर्ण कार्रवाई है।
- पंजाब पुलिस की उच्चस्तरीय टीम ने सीबीआई जांच के आधार पर कार्यवाही की है।
अमृतसर, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही मुहिम ने एक नया मोड़ लिया है। राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पूर्व एसएसपी और एआईजी रशपाल सिंह को गिरफ्तार किया है।
रशपाल सिंह दो साल पहले रिटायर हो चुके हैं, लेकिन 2017 में एक फर्जी हेरोइन मामले में उनका नाम सामने आया। उच्चस्तरीय जांच के बाद पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार और नशीली दवाओं के जाल पर सवाल खड़ा कर रही है।
मामला 2017 का है, जब रशपाल सिंह एसटीएफ के प्रमुख थे। उनकी टीम ने अमृतसर के गुरजंट सिंह उर्फ सोनू से एक किलो हेरोइन जब्त की थी। लेकिन पुलिस ने इसे बलविंदर सिंह के नाम पर फर्जी तरीके से रिपोर्ट कर दिया। गुरजंट को रिहा कर दिया गया, जबकि बलविंदर को झूठे आरोपों में फंसाया गया।
आरोप है कि रशपाल सिंह और उनकी टीम ने बलविंदर को पाकिस्तान से हेरोइन लाने का झूठा आरोप लगाकर फंसाया। 3 अगस्त 2017 को बलविंदर को सिविल अस्पताल पट्टी से गिरफ्तार किया गया और उस पर एक किलो हेरोइन का केस लगाया गया। मामले में तीन अन्य निर्दोष लोगों के नाम भी जोड़ दिए गए।
बलविंदर ने न्याय की गुहार लगाई और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। नवंबर 2019 में कोर्ट ने डीजीपी प्रमोद बान को जांच का आदेश दिया। दिसंबर 2020 में बलविंदर की कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन डेटा पेश किया गया, जिससे फर्जीवाड़ा स्पष्ट हो गया। जनवरी 2021 में कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी।
सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में रशपाल सिंह समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इसमें इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह, थानेदार कुलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, कुलबीर सिंह, बेअंत सिंह, कुलवंत सिंह और हवलदार हीरा सिंह के नाम शामिल हैं।
चार्जशीट में भ्रष्टाचार, फर्जी केस बनाने और सबूत मिटाने के आरोप हैं। पंजाब पुलिस की उच्चस्तरीय टीम ने सीबीआई जांच के आधार पर रशपाल को गिरफ्तार किया।