क्या उत्तर प्रदेश के उप निबंधक कार्यालयों में भूतपूर्व सैनिक और होमगार्ड तैनात होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश के उप निबंधक कार्यालयों में भूतपूर्व सैनिकों और होमगार्डों की तैनाती।
- सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बजट स्वीकृत।
- डिजिटलीकरण के दौर में सुरक्षा को प्राथमिकता।
- अभिलेखों की सुरक्षा में बढ़ोत्तरी।
- पारदर्शी कार्य वातावरण का निर्माण।
नोएडा, १८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के उप निबंधक कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवेन्द्र जायसवाल ने कहा कि प्रदेश के ३८० उप निबंधक कार्यालयों में भूतपूर्व सैनिकों और होमगार्डों की तैनाती सुरक्षा गार्ड के रूप में की जाएगी। इसका उद्देश्य अभिलेखों, संपत्ति पंजीकरण दस्तावेजों, कंप्यूटर प्रणाली और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मुख्य सचिव अमित गुप्ता द्वारा महानिरीक्षक निबंधन, उत्तर प्रदेश लखनऊ को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस व्यवस्था के अंतर्गत कुल ३१५ भूतपूर्व सैनिकों और ७८९ होमगार्डों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए शासन ने वार्षिक ४०.५३ करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। यह खर्च पूरी तरह से शासन द्वारा वहन किया जाएगा, ताकि सुरक्षा प्रबंधों को बिना किसी बाधा के लागू किया जा सके।
शासनादेश के अनुसार, सुरक्षा सेवाओं की तैनाती उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम लिमिटेड और होमगार्ड विभाग के माध्यम से की जाएगी। महानिरीक्षक निबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे न्यूनतम आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करें और इसकी प्रगति रिपोर्ट शासन को भेजें। विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया है कि जिन उप निबंधक कार्यालयों का संचालन निजी परिसरों या किराए के भवनों में किया जा रहा है, वहां भी सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य रूप से की जाए। इसके अलावा प्रदेश के २६९ कार्यालयों में ७८९ होमगार्ड विशेष रूप से तैनात किए जाएंगे जिनके भुगतान के लिए लगभग ३.३७ करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
शासन का कहना है कि बढ़ते डिजिटलीकरण और संपत्ति पंजीकरण के कार्यभार को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना समय की आवश्यकता है। नई व्यवस्था से न केवल दस्तावेजों और अभिलेखों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि कार्यालयों में पारदर्शी एवं भरोसेमंद कार्य वातावरण भी विकसित होगा। मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवंटित बजट का उपयोग पूरी पारदर्शिता एवं नियमों के तहत किया जाए तथा यदि किसी प्रकार की देरी या लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी सहायक आयुक्त स्टांप द्वितीय गौतम बुद्ध नगर ब्रिजेश कुमार द्वारा प्रदान की गई। शासन के इस निर्णय से प्रदेश के पंजीयन कार्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को नया स्वरूप मिलने की उम्मीद है।