क्या प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के उडुपी में श्री कृष्ण मठ का दौरा करेंगे और लक्ष कंठ गीता पारायण में शामिल होंगे?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के उडुपी में श्री कृष्ण मठ का दौरा करेंगे और लक्ष कंठ गीता पारायण में शामिल होंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्नाटक दौरा धार्मिक महत्त्व से भरा होगा। उडुपी श्री कृष्ण मठ में उनका स्वागत और गीता का सामूहिक जाप कार्यक्रम लोगों की भक्ति और परंपरा का प्रतीक है। यह यात्रा न केवल आस्था का प्रदर्शन करेगी, बल्कि भारतीय संस्कृति को भी अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत करेगी।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का कर्नाटक दौरा धार्मिक महत्त्व का होगा।
  • उडुपी श्री कृष्ण मठ में दर्शन और पूजा का आयोजन।
  • 'लक्षकंठ गीता' का सामूहिक जाप कार्यक्रम में भागीदारी।
  • कनकना किंदी का महत्व और उसकी कहानी।
  • आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत मिश्रण।

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कर्नाटक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वे सुबह लगभग 11:30 बजे ऐतिहासिक उडुपी श्री कृष्ण मठ में दर्शन करेंगे। इसके साथ ही वे 'लक्षकंठ गीता' के सामूहिक जाप समारोह में भी भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का मठ में पारंपरिक स्वागत होगा। वे माधव सरोवर में भगवान के दर्शन करेंगे और एक विशेष पूजा करेंगे। इसके अलावा, वह कृष्ण गर्भगृह के सामने स्थित सुवर्ण तीर्थ मंडप का उद्घाटन करेंगे और पवित्र कनकना किंदी के लिए कनक कवच (स्वर्ण कवच) समर्पित करेंगे।

पर्याय पुट्टिगे मठ के द्रष्टा सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामी ने गुरुवार को बताया कि इसके बाद वे उस स्थान पर जाएंगे, जहां एक लाख से अधिक भक्त भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मठ में दिव्य 'कनकना किंदी' के लिए 'कनक कवच' का अनावरण करेंगे।

सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामी ने कहा, "मठ पीएम नरेंद्र मोदी के माध्यम से भगवान को सुवर्ण तीर्थ मंडप चढ़ाएगा। प्रधानमंत्री सर्वज्ञ पीठ, गोशाला और नए गीता मंदिर का दौरा करेंगे। वे चंद्रशाले में अष्ट मठों के सभी संतों से संवाद करेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। उन्होंने उडुपी के विशेष पकवानों, जैसे कि 'पत्रोड़े' को चखने की इच्छा भी व्यक्त की है।"

एक बयान में कहा गया, "इस दौरे में भक्ति, परंपरा और जनता की भारी भागीदारी शामिल है, जो भारत की सदियों पुरानी सभ्यता, गीता के शाश्वत संदेश और भक्ति की भावना के शिखर को दर्शाती है। दुनिया भर में लाखों लोगों के प्रिय आठ सदी पुराने श्री कृष्ण मंदिर के गर्भगृह में, प्रधानमंत्री मोदी विशेष प्रार्थना करेंगे और दर्शन करेंगे।"

कनकना किंदी एक पवित्र द्वार है। ऐसा माना जाता है कि संत कनकदास ने इसी द्वार से भगवान कृष्ण के दिव्य दर्शन किए थे। उडुपी स्थित श्री कृष्ण मठ की स्थापना 800 वर्ष पूर्व वेदांत के द्वैत दर्शन के संस्थापक श्री माधवाचार्य ने की थी।

उडुपी कनकना किंदी की कहानी 16वीं सदी के कवि-संत कनकदास से जुड़ी है, जिन्हें श्री कृष्ण मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया था। बाहर से प्रार्थना करते हुए उनकी गहरी भक्ति ने मंदिर की भगवान कृष्ण की मूर्ति को हिला दिया, जो चमत्कारिक रूप से उनकी ओर मुड़ गई। दीवार में एक दरार आ गई, जिससे कनकदास भगवान को देख पाए। इस स्थान को बाद में एक छोटी खिड़की बना दिया गया, जिसे कनकना किंदी कहा गया।

Point of View

यह दौरा भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि उडुपी के सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेगा। यह यात्रा देश के विभिन्न हिस्सों में एकजुटता और समर्पण का प्रतीक बनेगी।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी का उडुपी मठ दौरा कब है?
प्रधानमंत्री मोदी का उडुपी मठ दौरा 28 नवंबर को है।
कौन से कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी हिस्सा लेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी 'लक्षकंठ गीता' के सामूहिक जाप कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
कनकना किंदी क्या है?
कनकना किंदी एक पवित्र द्वार है, जहां संत कनकदास ने भगवान कृष्ण के दर्शन किए।
उडुपी श्री कृष्ण मठ की स्थापना कब हुई थी?
उडुपी श्री कृष्ण मठ की स्थापना 800 वर्ष पूर्व श्री माधवाचार्य ने की थी।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कैसे किया जाएगा?
प्रधानमंत्री मोदी का मठ में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया जाएगा।
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