क्या प्रधानमंत्री मोदी 7 अगस्त को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।
- मुख्य विषय 'सदाबहार क्रांति' होगा।
- डॉ. स्वामीनाथन की विरासत का सम्मान किया जाएगा।
- वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के बीच विचार-विमर्श होगा।
- खाद्य एवं शांति पुरस्कार की शुरुआत होगी।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त, यानी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इस बात की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 'एक्स' पोस्ट में बताया कि 7 अगस्त को सुबह 9 बजे, दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन होगा। यह कार्यक्रम डॉ. स्वामीनाथन की जन्मशती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है, जिससे यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है। विश्वभर में लोग डॉ. स्वामीनाथन की विद्वता और खाद्य सुरक्षा एवं कृषि अनुसंधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। सम्मेलन में 'सदाबहार क्रांति, जैव-सुखहाली का मार्ग' जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।
प्रो. एमएस स्वामीनाथन के सभी के लिए भोजन सुनिश्चित करने के प्रति आजीवन समर्पण को सम्मेलन के विषय 'सदाबहार क्रांति, जैव-खुशहाली का मार्ग' के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इस सम्मेलन के माध्यम से वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, विकास पेशेवरों और अन्य हितधारकों को सदाबहार क्रांति के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने पर विचार विमर्श करने का अवसर प्राप्त होगा।
एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) और विश्व विज्ञान अकादमी (टीडब्ल्यूएएस) मिलकर उनके योगदान का सम्मान करते हुए एमएस स्वामीनाथन खाद्य एवं शांति पुरस्कार की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जिन्होंने खाद्य सुरक्षा में सुधार और कमजोर समुदायों के लिए जलवायु न्याय, समानता और शांति को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
भारत में हरित क्रांति के जनक मनकोंबु संबाशिवन स्वामीनाथन को हम एमएस स्वामीनाथन के नाम से भी जानते हैं। बचपन से कृषि में रुचि रखने वाले स्वामीनाथन ने 'एवरग्रीन रिवॉल्यूशन' की अवधारणा दी, जो पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कृषि पर आधारित थी। कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था।