क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी से उनके जन्मदिन पर विशेष मुलाकात की। यह मुलाकात न केवल शुभकामनाओं का आदान-प्रदान थी, बल्कि आडवाणी जी के अद्वितीय योगदानों को भी उजागर करती है। जानिए इस महत्वपूर्ण घटना के पीछे की कहानी और आडवाणी जी का राजनीतिक सफर।

Key Takeaways

  • आडवाणी जी का जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहा है।
  • उन्होंने श्रीरामजन्म भूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बचपन में विभाजन के समय उन्होंने दिल्ली का रुख किया।
  • आडवाणी जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 14 वर्ष की उम्र में शामिल हुए।
  • उनकी पत्रकारिता ने उन्हें एक विचारवान राजनीतिज्ञ बनाया।

नई दिल्ली, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत रत्न और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। एक महान दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता से संपन्न राजनेता, आडवाणी का जीवन भारत की प्रगति को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने सदैव निस्वार्थ कर्तव्य और दृढ़ सिद्धांतों की भावना को अपनाया है। उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि भाजपा के संस्थापक सदस्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और करोड़ों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत, ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

वहीं, लालकृष्ण आडवाणी ने यह बताया है कि कैसे निःस्वार्थ भाव से पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित किया जाता है। संगठन से लेकर सरकार तक, उनके हर दायित्व का एक ही लक्ष्य रहा है, राष्ट्र प्रथम। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संगठन को गांवों की चौपालों से लेकर महानगरों तक पहुंचाया और गृह मंत्री के रूप में देश की सुरक्षा को सुदृढ़ किया। श्रीरामजन्म भूमि आंदोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई और रथ यात्रा निकालकर पूरे देश में जनजागरण किया। ईश्वर से उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।

बता दें कि ८ नवंबर १९२७ को पाकिस्तान के कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी का बचपन देश के विभाजन की त्रासदी से जुड़ा है। विभाजन के समय आडवाणी ने भी दिल्ली का रुख किया। सेंट पैट्रिक स्कूल, कराची और बाद में बॉम्बे लॉ कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने वाले आडवाणी किशोर अवस्था में ही राष्ट्रसेवा से जुड़ गए थे। महज १४ साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने पत्रकारिता से की। ऑर्गनाइजर नामक साप्ताहिक में सह-संपादक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने भारतीय राजनीति की गहराइयों को करीब से देखा। यही अनुभव आगे चलकर उन्हें विचारवान राजनीतिज्ञ के रूप में गढ़ता गया।

Point of View

यह मुलाकात न केवल भाजपा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे एक नेता का जीवन और उसकी सोच देश के लिए प्रेरणादायक हो सकती है। आडवाणी जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र सेवा सर्वोपरि है।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर कब शुरू हुआ?
लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर पत्रकारिता से शुरू हुआ, जब उन्होंने ऑर्गनाइजर में सह-संपादक के रूप में कार्य किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आडवाणी जी को क्या शुभकामनाएं दीं?
प्रधानमंत्री मोदी ने आडवाणी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।