क्या समस्तीपुर में वीवीपैट पर्चियों का मामला चुनाव आयोग के लिए चुनौती है?
सारांश
Key Takeaways
- वीवीपैट पर्चियों का मिलना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- चुनाव आयोग ने कार्रवाई शुरू की है।
- भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भरोसा जताया है।
- जांच में सभी तथ्यों का खुलासा होगा।
- प्रशासन ने पर्चियों को जब्त किया है।
पटना, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के समस्तीपुर में सड़क किनारे वीवीपैट पर्चियों के मिलने के मामले में चुनाव आयोग ने आवश्यक कार्रवाई करना आरंभ कर दिया है। इस संदर्भ में, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हमें चुनाव आयोग पर पूर्ण भरोसा है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने इस मामले में कार्रवाई की है, इसलिए किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
मनोज तिवारी ने पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग अत्यंत सतर्क और सजग है। किसी भी प्रकार की आशंका की कोई आवश्यकता नहीं है। किसी भी गड़बड़ी को चुनाव आयोग त्वरित रूप से पकड़ रहा है, यह एक सकारात्मक बात है। उन्होंने चुनाव में कट्टा की चर्चा करते हुए कहा कि यह कट्टा संस्कार महागठबंधन का है। आज भी यह पुरानी छवि प्रस्तुत कर रहा है।
इससे पहले, समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में कचरे में बड़ी संख्या में वीवीपैट पर्चियों के मिलने की सूचना मिली थी। प्रशासन ने मौके से पर्चियों को जब्त किया और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी।
समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि बहुत सारी श्रेडेड पर्चियों के बीच कुछ अनश्रेडेड पर्चियां भी पाई गईं, जिन्हें प्रशासन ने कन्फिस्केट कर लिया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की लापरवाही पाई गई है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि ये पर्चियां किस समय की हैं।
जिलाधिकारी ने अफवाह न फैलाने की अपील करते हुए कहा कि यह एक तकनीकी मामला है, और जांच के दौरान सभी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि घटना सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र की है, जहां शीतलपट्टी गांव के पास हजारों वीवीपैट पर्चियां कचरे में पाई गईं।
जिलाधिकारी के अनुसार, यह सामग्री कमीशनिंग डिस्पैच सेंटर के निकट मिली, जहां श्रेडेड पर्चियों के साथ कुछ अनश्रेडेड पर्चियां भी देखी गईं। प्रशासन ने मौके से पर्चियों को जब्त किया है और संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जांच के बाद पर्चियों का समय और स्रोत स्पष्ट कर लिया जाएगा और तब तक किसी भी प्रकार की अटकलों से बचने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि कमीशनिंग के दौरान पांच प्रतिशत मशीनों पर 1000-1000 वोट का मॉक पोल होता है और सभी प्रत्याशियों के प्रतीक की लोडिंग की जांच के लिए बटन दबाकर परीक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्थल पर काफी संख्या में कटी हुई श्रेडेड पर्चियां भी मिली हैं, जिसकी जांच जारी है।