क्या प्रदूषण पर सवाल उठाने पर हम हिंदू विरोधी माने जाते हैं? कमियां केवल इंडिया गठबंधन में ही क्यों नजर आती हैं: उदित राज

सारांश
Key Takeaways
- इंडिया गठबंधन की मजबूती का दावा किया गया है।
- मीडिया पर आलोचना की गई है कि वह केवल इंडिया गठबंधन में कमियां दिखाता है।
- दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई गई है।
- बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए गए हैं।
- हरियाणा सरकार की जांच की मांग की गई है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता उदित राज ने यह दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक गठबंधन मजबूत स्थिति में है और हमारे गठबंधन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। उन्होंने पूछा कि मीडिया को केवल हमारे गठबंधन में ही कमियां क्यों नजर आती हैं।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया को सिर्फ इंडिया गठबंधन में ही कमियां दिखती हैं, जबकि एनडीए में मतभेद उससे कहीं अधिक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन की बातें हमेशा उठाई जाती हैं, लेकिन एनडीए की कमियां कहीं नहीं देखी जातीं। एक सप्ताह बाद जब चुनाव प्रचार तेज होगा तो तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।
उदित राज ने दीपोत्सव पर अपने एक पोस्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत कई क्षेत्रों में विश्व रिकॉर्ड बना रहा है, लेकिन क्या हमारे देश में बेरोजगारी नहीं है? उन्होंने सरकार से सवाल उठाया कि इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में, उदित राज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि नौ बिंदुओं का पत्र बहुत गंभीर है। यदि इनका जवाब नहीं मिला, तो यह स्पष्ट है कि हरियाणा में गुंडाराज चल रहा है, न कि नायब सिंह सैनी का राज। हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। इन बिंदुओं की जांच होनी चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर उदित राज ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। दीपावली के समय अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। रातभर पटाखे चलाए गए। अगर हम सवाल उठाते हैं, तो हमें हिंदू विरोधी बता दिया जाता है। यदि हम जान की रक्षा और स्वच्छ वातावरण की बात करते हैं तो परंपरा विरोधी करार दे दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षित और संपन्न लोग लाखों रुपये के पटाखे खरीदकर लाते हैं। क्या इसे शिक्षित समाज कहा जाएगा? एक सभ्य समाज की अपनी जिम्मेदारी होती है। स्वास्थ्य से बड़ी कोई चीज नहीं हो सकती। हमें परंपराओं का सम्मान करते हुए भी स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।