क्या प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब सरकार फंसी तो नेहरू का जिक्र करती है?

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क्या प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब सरकार फंसी तो नेहरू का जिक्र करती है?

सारांश

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी सरकार किसी मुद्दे में फंसती है, तब नेहरू का नाम लेकर बचने की कोशिश करती है। उन्होंने पंडित नेहरू की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि इस स्थिति को अब स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

Key Takeaways

  • नेहरू ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • सरकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
  • आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
  • राजनीतिक लाभ के लिए पंडित नेहरू को निशाना बनाया जा रहा है।
  • भारत की आजादी के लिए नेहरू ने बलिदान दिया।

नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब भी यह सरकार किसी मुद्दे में फंसती है, तब नेहरू का नाम लेकर बचने की कोशिश करती है। लेकिन अब इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में नेहरू की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने बताया कि रावी नदी पर 1929 में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' और 'पूर्ण स्वराज' का नारा दिया गया था, जबकि उस समय आपका संगठन (आरएसएस) अंग्रेजों को पत्र लिख रहा था। इस संगठन का राष्ट्रहित से कोई संबंध नहीं था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कृपया पंडित नेहरू पर सवाल उठाना बंद करें। पंडित नेहरू ने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में ही पंचवर्षीय योजनाओं ने देश के विकास को नई दिशा दी। आज यदि इस देश का विकास तेजी से हो रहा है, तो इसका श्रेय निश्चित रूप से पंडित नेहरू को ही मिलना चाहिए। लेकिन अफसोस, ये लोग अपनी राजनीतिक स्थिति सुधारने के लिए निरंतर पंडित नेहरू को निशाना बना रहे हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंडित नेहरू को लंबे समय तक सलाखों में रखा गया। उन्होंने देश को अंग्रेजों की जंजीरों से मुक्त करने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। अब ये लोग पंडित नेहरू पर सवाल उठा रहे हैं। मेरा कहना है कि इन लोगों को पंडित नेहरू पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, लेकिन ये निरंतर राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं। हम इस स्थिति को किसी भी कीमत पर नहीं सहन कर सकते हैं।

इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर भी हमला किया और कहा कि इस संगठन से राष्ट्रभक्ति की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। इसी संगठन ने आम हिंदुस्तानियों से अंग्रेजों की सेना में शामिल होने की अपील की थी। क्या ये लोग ऐसा श्रद्धा से कर रहे थे या इन्हें अंग्रेजों का भय था?

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि इतिहास को कैसे राजनीतिक लाभ के लिए मोड़ा जा सकता है। यह आवश्यक है कि हम इतिहास के प्रति ईमानदार रहें और सही तथ्यों के साथ आगे बढ़ें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रमोद तिवारी ने नेहरू के बारे में क्या कहा?
प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार नेहरू का नाम लेकर अपने मुद्दों से बचने की कोशिश करती है और उन्हें निशाना बना रही है।
आरएसएस पर प्रमोद तिवारी का क्या कहना है?
प्रमोद तिवारी ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि इस संगठन से राष्ट्रभक्ति की उम्मीद नहीं की जा सकती।