क्या प्रशांत किशोर संविधान पर उपदेश देने के बावजूद खुद अनैतिक काम कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप है।
- दिलीप घोष ने संविधान की अनैतिकता पर सवाल उठाया है।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी आरोप लगे हैं।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप सामान्य हैं।
- जनता को सही जानकारी का अधिकार है।
खड़गपुर, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता दिलीप घोष ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर दो वोटर कार्ड रखने के मामले में तंस कसा है। चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को नोटिस भी भेजा है।
भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग देश को कानून और संविधान पर उपदेश देते हैं, वे खुद अनैतिक काम कर रहे हैं।
दिलीप घोष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशांत किशोर टीएमसी के साथ व्यापार के लिए बंगाल आए थे और अब उन्हीं समस्याओं का सामना कर रहे हैं। वे बड़ी बातें करते हैं, लेकिन संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं। कोई दो स्थानों पर मतदाता कैसे हो सकता है? यह हमारे देश का दुर्भाग्य है। दो स्थानों पर वोटर लिस्ट में नाम की छानबीन होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एसआईआर को लेकर बयान पर दिलीप घोष ने कहा कि देखिए, ममता बनर्जी की झूठ बोलने और जनता को भड़काने की राजनीति है। यदि कोई एनआरसी के डर से आत्महत्या करता है, तो इसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने लोगों को बेवजह डरा दिया है। यह सीएए और एसआईआर के बारे में था, एनआरसी के बारे में नहीं। किसी को भी उनके झूठे दावों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
प्रशांत किशोर के पास दो वोटर कार्ड मामले में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी कहा कि जब खुद के घर शीशे के हों तो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारना चाहिए। जब आपके पास खुद दो मतदाता पहचान पत्र हैं, तो आप दूसरों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं?