क्या प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- उनके उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका जा रहा है।
- बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप।
- बिहार में चुनावी माहौल गर्म है।
- जन सुराज को लेकर चिंता बढ़ रही है।
पटना, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका जा रहा है और उन्हें धमकी देकर चुनावी मैदान से हटाया जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर 'लोकतंत्र की सरेआम हत्या' करने का आरोप लगाया। उन्होंने फोटो और सबूतों के माध्यम से केंद्रीय नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा, "पिछले कई वर्षों से विधायकों की खरीद-फरोख्त देखने को मिलती रही है। लेकिन अब बीजेपी ने एक ऐसी छवि बना ली है कि चुनाव चाहे कोई भी जीते, सरकार वही बनाएंगे। जन सुराज को वोट कटवा बताने वाले लोग महागठबंधन से नहीं, बल्कि जन सुराज से डर रहे हैं।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले चार दिनों में तीन घोषित उम्मीदवारों को या तो नामांकन दाखिल करने नहीं दिया गया या जबरन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। यह मामला दूसरे चरण के नामांकन प्रक्रिया के दौरान सामने आया, जहाँ नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।
किशोर ने खुलासा किया कि पहला मामला दानापुर विधानसभा का है। यहाँ एक महागठबंधन के बाहुबली नेता की छवि जगजाहिर है, जो फिलहाल जेल में हैं। दानापुर में व्यापारियों को सबसे ज्यादा समस्याएँ आ रही हैं। स्थानीय व्यापारियों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जन सुराज से संपर्क किया था। पार्टी ने मुकेश साह को टिकट दिया, लेकिन नामांकन के दौरान मुकेश साह को फाइल दाखिल नहीं करने दिया गया।
प्रशांत किशोर ने एक फोटो जारी की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और बिहार बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुकेश साह नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, "नामांकन न करने का कारण अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी थी। बीजेपी दानापुर की जनता को रीत लाल यादव के नाम से डरा रही है।"
दूसरा मामला बक्सर जिले के ब्रह्मपुर का है। यहाँ लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बाहुबली नेता हुलास पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी छवि सबको ज्ञात है। जन सुराज ने डॉक्टर सत्यप्रकाश तिवारी को प्रत्याशी बनाया। तिवारी ने तीन दिनों तक सक्रिय प्रचार किया। रविवार रात तक वे चुनावी मैदान में थे, लेकिन सोमवार को अचानक नामांकन वापस ले लिया।
पीके ने डॉक्टर तिवारी और धर्मेंद्र प्रधान की एक और तस्वीर जारी की। उन्होंने आरोप लगाया, "बीजेपी के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान डॉक्टर के घर जाकर दबाव बना रहे थे। लोजपा के एक बाहुबली को बचाने के लिए इतनी ताकत लगा दी गई। पूरे बिहार को समझना होगा कि जन सुराज भाग रही है या कुछ और हो रहा है।"
उन्होंने तीसरे उदाहरण में गोपालगंज का जिक्र किया और कहा, "महागठबंधन से डर नहीं, जन सुराज से खतरा महसूस हो रहा है। बिहार की जनता अब खरीद-फरोख्त से तंग आ चुकी है। हम बदलाव लाएंगे।"