क्या प्रवीण खंडेलवाल ने नए लेबर कोड का स्वागत किया है?
सारांश
Key Takeaways
- नई श्रम संहिताएँ श्रमिकों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेंगी।
- 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
- सरकार द्वारा श्रमिकों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- प्रवर्तन में प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है।
- राम मंदिर और मस्जिद निर्माण पर विवाद जारी है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई चार नई श्रम संहिताओं का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि नए श्रम नीति में जो प्रावधान किए गए हैं, उनसे श्रमिकों को उनके अधिकार, बेहतर सेवाएं और कार्य के लिए अनुकूल माहौल प्राप्त होगा।
खंडेलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ है, जब केंद्र सरकार ने उस वर्ग पर ध्यान दिया है जो अंतिम पायदान पर रहकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पीएम मोदी की वजह से एक सकारात्मक छवि बनी है। आज भारत को नजरअंदाज करके बड़े निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं।
सरकार ने पहले के 29 लेबर कोड को चार नए लेबर कोड से प्रतिस्थापित कर दिया है। नए कोडों में कोड ऑन वेजेज 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड 2020 शामिल हैं।
केंद्र सरकार द्वारा किए गए ये सुधार देश में रोजगार और औद्योगिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। नए श्रम कानूनों के माध्यम से लगभग 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज भी मिलेगा।
भाजपा सांसद ने टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के ऐलान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का कोई मुकाबला नहीं हो सकता। जहां तक मस्जिद बनाने का मामला है, वह अपने घर में कुछ भी बना सकते हैं। वहां की सरकार के कानून में अगर ऐसा होगा तो वे बना पाएंगे, लेकिन मैं यह जानता हूँ कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी एक खास वर्ग को खुश करने में जुटी हैं, जबकि बंगाल की आम जनता त्रस्त है।