क्या प्रयागराज में कांवड़ियों का उत्साह बढ़ा है, गंगा-यमुना के जलस्तर के बावजूद?

सारांश
Key Takeaways
- प्रयागराज में कांवड़ियों का उत्साह अद्वितीय है।
- गंगा और यमुना के जलस्तर में वृद्धि के बावजूद, श्रद्धालुओं की संख्या कम नहीं हुई है।
- प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया है।
- भक्तों के बीच आध्यात्मिक उल्लास फैला हुआ है।
- जलस्तर की निगरानी के लिए जल पुलिस तैनात है।
प्रयागराज, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सावन के इस पवित्र महीने में कांवड़ियों की उत्साह देखते ही बनता है। गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि के बावजूद, हजारों कांवड़िए दशाश्वमेध घाट पर पवित्र जल लेने के लिए आ रहे हैं। इस अवसर पर प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की भी भरपूर सराहना हो रही है।
एक कांवड़िया ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यहां की व्यवस्थाएं शानदार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतनी उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की गई हैं। उनके अधीन कार्यरत सभी लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। सुरक्षा की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है। हम कामना करते हैं कि सीएम योगी और पीएम मोदी का आशीर्वाद सदियों तक यूं ही बना रहे और कभी कोई कमी न आए।
कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस और जल पुलिस की तैनाती के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कांवड़ियों के लिए पेयजल और विश्राम स्थलों की भी व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके।
दूसरी ओर, प्रयागराज के प्राचीन बड़े हनुमान मंदिर में सावन के इस महीने में तीसरी बार गंगा और यमुना का पवित्र जल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर चुका है। यह दृश्य भक्तों के लिए अत्यंत आध्यात्मिक और दिव्य है। मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो इस पवित्र क्षण का साक्षी बनने के लिए उत्साहित हैं।
एक भक्त ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "गंगा मैया का जलस्तर बढ़ गया है। वे स्वयं भगवान हनुमान को स्नान कराने आई हैं। हम इस दैवीय क्षण को देखने आए हैं और इसे देखकर हमें बहुत सौभाग्य की अनुभूति हो रही है। सावन महीने में तीन बार मां गंगा का आना बहुत बड़ी बात है।"
मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा और यमुना का जल मंदिर में प्रवेश करना एक शुभ संकेत है। यह घटना भक्तों के बीच आध्यात्मिक उल्लास का कारण बन रही है। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना का दौर लगातार जारी है।
गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। घाटों और मंदिर परिसर में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। जल पुलिस नदियों में नावों के जरिए निगरानी कर रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। इसके अलावा, कांवरियों और श्रद्धालुओं को जलस्तर के प्रति सचेत रहने की सलाह दी जा रही है।