क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर पृथ्वीराज चव्हाण का बयान सेना और देश के खिलाफ है?
सारांश
Key Takeaways
- सेना का मनोबल महत्वपूर्ण है और इसे बनाए रखना आवश्यक है।
- राजनीतिक बयान का सैन्य पर प्रभाव पड़ता है।
- सभी को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर बोलना चाहिए।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए गए विवादास्पद बयान को सेना और देश के खिलाफ करार दिया है। नई दिल्ली में सांसद मनन कुमार मिश्रा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक दुखद और शर्मनाक बयान है। ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने और सेना तथा देश के खिलाफ हैं। ऐसे बयान देने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी। एक ऐसा ऑपरेशन जिसने दुनिया भर में भारत की ताकत का लोहा मनवाया और पाकिस्तान को सरेंडर करने पर मजबूर किया, जिसके बाद हमने संयम दिखाया, ऐसे समय में यह कहना कि हमारे विमान गिरा दिए गए और हमें हार मिली, यह शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई दिनों तक चुप्पी रही, और आज अचानक मुंह खुला है। जनता कभी माफ नहीं करेगी।
वहीं, कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर की गई टिप्पणी के मामले में मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि सब कुछ साफ है और पूरी दुनिया ने मान लिया है कि पाकिस्तान को हार मिली और उसने दो दिन में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और सरकार ने संयम दिखाया। आज पाकिस्तान पूरी दुनिया से मदद मांग रहा है। यह शर्म की बात है कि अब भी देश के दुश्मनों और गद्दारों में हमारी सेना पर उंगली उठाने की हिम्मत है।
नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की एक कोर्ट द्वारा ईडी की चार्जशीट खारिज करने पर मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि यह आखिरी फैसला नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ सबूत और दस्तावेज इकट्ठा किए हैं, जिससे यह एक मजबूत केस बन गया है। मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर निचली अदालत के लेवल पर कोई गड़बड़ी होती है तो ईडी इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। सभी सबूतों की जांच के बाद केस मजबूत माना जा रहा है, और सोनिया गांधी, राहुल गांधी और दूसरे आरोपियों को सजा मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने बॉन्डी बीच शूटर के हैदराबाद से जुड़े होने पर कहा कि मैं क्या कहूं? अगर मैं कुछ कहूंगा, तो लोग मुझ पर हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर बात करने का आरोप लगाएंगे, लेकिन यह साबित हो गया है कि ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसे काम इन तत्वों ने ही किए हैं। पूरी दुनिया में आतंकवाद की जड़ें हैं, और मेरा मानना है कि भारत इस मुद्दे पर पहले से ही अलर्ट है, लेकिन पूरी दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए। सभी को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ मिलकर आवाज उठानी चाहिए और भारत का हाथ मजबूत करना चाहिए।