क्या सरकार लोकतंत्र के सिद्धांतों को नकार रही है: प्रियंका चतुर्वेदी
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार की आलोचना की।
- सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया गया।
- 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- एयरलाइंस कंपनियों की नीतियों पर सवाल उठाए गए।
- सिविल एविएशन को यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है।
मुंबई, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार असुरक्षित महसूस होने के कारण विपक्ष के नेता को रूस के राष्ट्रपति से मिलने नहीं दे रही है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि 2014 के बाद से लगातार केंद्र सरकार विपक्ष को कमजोर करने के प्रयास में लगी हुई है। इस तरह की गतिविधियों से यह सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से हम एक नए प्रकार के लोकतंत्र की ओर बढ़ते हुए देख रहे हैं, जहां केवल सत्तापक्ष के नेताओं की आवाज सुनाई दे रही है, जबकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। ऐसा करके ये लोग लोकतंत्र के सिद्धांतों को ताक पर रखने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सरकार अब सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को समाप्त करने का प्रयास कर रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के अंतर्गत विपक्ष के नेता को भी किसी विदेशी राष्ट्रध्यक्ष से मिलने का अवसर दिया जाता है, लेकिन अब इस व्यवस्था को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
इस दौरान, इंडिगो द्वारा 550 से ज्यादा उड़ानों के रद्द होने के संबंध में उन्होंने कहा कि मुंबई, पुणे सहित कई शहरों में उड़ानें रद्द हुई हैं। इसके कारण एयर इंडिया की उड़ानें भी रद्द की गई हैं। एयरलाइंस नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। क्रू के रेस्टिंग ऑवर से संबंधित एक नया नियम आया था, लेकिन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका पालन नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर एयरलाइंस कंपनियां अपने लाभ को प्राथमिकता देती हैं, जबकि आम यात्रियों के हितों पर कुठाराघात करती हैं। मैंने इस विषय को कई बार उठाया है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। मैंने इस संबंध में सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि इस पर सभापति ध्यान देंगे और सिविल एविएशन मंत्री से जानकारी लेंगे कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सुचारू रूप से चल रही हैं, लेकिन घरेलू विमानों के यात्रियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सिविल एविएशन को जल्द से जल्द यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।