क्या पंजाब में बाढ़ का संकट गंभीर है? केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का अमृतसर दौरा

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में जलवायु संकट की गंभीरता बढ़ रही है।
- केंद्र सरकार ने कृषि मंत्री को भेजा है।
- अमृतसर में केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है।
- केंद्रीय मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया।
- कुलदीप धालीवाल ने 2000 करोड़ की मांग की है।
अमृतसर, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में जलवायु संकट की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पंजाब भेजा है। गुरुवार सुबह केंद्रीय मंत्री अमृतसर पहुंचे और बताया कि इस संकट से निपटने के लिए दो केंद्रीय टीमों को पहले ही वहां तैनात किया गया है।
अमृतसर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का स्वागत किया गया। वहीं, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के बाद एक रिपोर्ट उन्हें सौंपी।
इसके पश्चात, अमृतसर एविएशन क्लब में भाजपा नेताओं की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जहां केंद्रीय मंत्री के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ और भाजपा महासचिव तरुण चुघ भी उपस्थित थे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूरे देश को पंजाब पर गर्व है। जब भी किसी संकट का सामना किया गया है, पंजाब ने हमेशा सबसे पहले कदम उठाया है। केंद्र सरकार इस चुनौती के समय में पंजाब के साथ पूरी तरह खड़ी है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए भेजा है। मैं वहां की स्थिति का गहन अध्ययन करूंगा और इसके बाद प्रधानमंत्री को रिपोर्ट प्रस्तुत करूंगा।" उन्होंने यह भी कहा कि इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब के साथ खड़ी है और उसकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी बीच, पूर्व कैबिनेट मंत्री और अजनाला के विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और अजनाला में बाढ़ के तात्कालिक नुकसान की भरपाई के लिए 2000 करोड़ का मांग पत्र सौंपा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब सरकार के 60 हजार करोड़ के बकाया को तुरंत रिलीज करने की भी मांग की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आज पंजाब को पुनर्निर्माण के लिए धन की सख्त आवश्यकता है।"