क्या बरनाला में सुखविंदर सिंह की हत्या के पीछे नेताओं का हाथ है?

सारांश
Key Takeaways
- सुखविंदर सिंह की हत्या ने बरनाला में हड़कंप मचाया।
- पुलिस ने गुरदीप दास और हरजिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया।
- परिजनों का आरोप है कि हत्या में राजनीतिक रंजिश है।
- सुखविंदर के परिवार ने न्याय की मांग की है।
- प्रदर्शन के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई।
बरनाला, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के बरनाला में चुनावी रंजिश के चलते सुखविंदर सिंह कलकत्ता की हत्या के मामले में पुलिस ने गांव के दो व्यक्तियों के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज किया। सुखविंदर सिंह के भाई सुखजीत सिंह ने यह आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे कुछ नेताओं का हाथ है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परगट सिंह, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सुखपाल सिंह खैरा, सिमरनजीत सिंह मान और शिरोमणि अकाली दल ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और पंजाब में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
सुखविंदर सिंह के भाई सुखजीत सिंह की शिकायत पर पुलिस ने गुरदीप दास दीपी बावा और हरजिंदर सिंह उर्फ जिंदर गिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आरोप है कि गुरदीप दास दीपी बावा ने कई बार सुखविंदर को जान से मारने की धमकी दी थी। वह सुखविंदर के परिवार की सरपंची जीतने से नाराज था। गुरदीप दास से सुपारी लेने के बाद हरजिंदर सिंह ने इस वारदात को अंजाम दिया।
बरनाला के एसएसपी मोहमद सरफराज आलम ने बताया कि पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए तेजी से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि सुखविंदर का पोस्टमार्टम बरनाला के अस्पताल में किया जा रहा है और परिवार को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
ज्ञात रहे कि शनिवार को सुखविंदर सिंह सेहना गांव के बस स्टैंड के पास एक दुकान पर बैठे थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई।
हत्या के बाद से ही सुखविंदर के परिजन और ग्रामीण बरनाला-फरीदकोट हाईवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। परिवार मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। प्रदर्शन के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है।
सिमरनजीत सिंह मान और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता आज सुखविंदर सिंह कलकत्ता के परिवार के साथ प्रदर्शन में शामिल होकर समर्थन जताने की संभावना है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले का स्वत: संज्ञान लेने और केंद्रीय एजेंसियों को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच का निर्देश देने की मांग की है।